इकलौते बेटे की सांसों के लिए मां सीएमओ से मिन्नतें करती रही, मगर सिस्टम की भेंट चढ़ गया 24 साल का जवान

नोएडा की दर्दनाक घटनाः इकलौते बेटे की सांसों के लिए मां सीएमओ से मिन्नतें करती रही, मगर सिस्टम की भेंट चढ़ गया 24 साल का जवान

इकलौते बेटे की सांसों के लिए मां सीएमओ से मिन्नतें करती रही, मगर सिस्टम की भेंट चढ़ गया 24 साल का जवान

Tricity Today | सीएमओ दफ्तर में मिन्नत करती मां

  • सरकार की निष्ठुरता ने दुखियारी मां से 24 साल के बेटे का साथ छिन लिया
  • मां देर शाम तक सीएमओ ऑफिस में रेमेडेसिविर इंजेक्शन का इंतजार करती रही
  • जवान बेटा शहर के शिवालिक अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गया
  • रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी की बात कहकर मदद करने से इनकार कर दिया
नोएडा में एक बेबस, लाचार और सिस्टम की मारी मां सीएमओ डॉ दीपक ओहरी के कार्यालय में उनसे मिन्नतें करती रही। उनके पैर पकड़ती रही। यह कहती रही कि ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन से मेरे बेटे की जान बचा लें।’ मगर सरकार की निष्ठुरता ने उस अभागी मां से 24 साल के बेटे का साथ छिन लिया। मां देर शाम तक सीएमओ ऑफिस में रेमेडेसिविर इंजेक्शन का इंतजार करती रही। उधर जवान बेटा शहर के शिवालिक अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गया। देर शाम जब खाली हाथ मां अस्पताल पहुंची, तो बेटे के मौत की खबर सुनकर दरवाजे पर ही बेहोश हो गई। इस वक्त देश में ऐसी हजारों घटनाएं रोज हो रही हैं। 

शहर की खोड़ा कॉलोनी में रहने वाली रिंक देवी ने बताया कि उनका इकलौता बेटा कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गया था। उसका नोएडा के सेक्टर-51 में स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज हो रहा था। डॉक्टरों ने मां को रेमेडेसिविर इंजेक्शन लिखकर लाने के लिए दिया। वह इंजेक्शन लेने भागी-भागी सेक्टर-39 स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पहुंची। वहां सीएमओ डॉ दीपक ओहरी से मिल कर खुब मिन्नतें की। 
सीएमओ से गुहार लगाती रही
अपने स्वाभिमान को दांव पर लगाकर उनके पैरों में गिर गई। उनसे अपने 24 साल के बेटे की जिंदगी बचाने की गुहार लगाती रही। इस दौरान रिंकू देवी के आंसू नहीं थमे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनका पर्चा तो लिया, लेकिन रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी की बात कहकर मदद करने से इंकार कर दिया। लाचार, बेबस और बदकिस्मत मां शाम 4:00 बजे तक सीएमओ दफ्तर में मदद का इंतजार करती रही। लेकिन उसे एक अदद इंजेक्शन नहीं मिला। 

सुनते ही बेहोश हो गई
शाम करीब 4:30 बजे जब वह खाली हाथ सेक्टर-51 के अस्पताल में पहुंची, तब तक उसका जवान बेटा अपनी सांसें हार चुका था। जैसे ही चिकित्सकों ने इसकी जानकारी मां को दी, वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गई। बाद में होश में आने पर महिला ने बताया कि सोमवार को भी वह सीएमओ कार्यालय इंजेक्शन लेने गई थी। उन्हें एक वायल देकर हॉस्पिटल भेज दिया गया। बेटे की मौत से मां सदमे में है। उनका कहना है कि अब दो बहनों के सिर से भाई का साया भी उठ गया। 

महिलाएं मांगती रहीं मदद
दरअसल सोमवार की शाम का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कई पीड़ित महिलाएं गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सीएमओ डॉ दीपक ओहरी के पैर पकड़ रही हैं। उनसे अपनों को बचाने की मिन्नतें कर रही हैं। रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए गुहार लगा रही हैं। कई महिलाएं सीएमओ दफ्तर में घंटों तक रोती-बिलखती रहीं। हाथ जोड़कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मदद मांगती रहीं। 

नहीं मिला इंजेक्शन
उनसे बच्चों और पति की जान बचाने की भीख मांगती रहीं, लेकिन इंजेक्शन की कमी और सरकारी तंत्र की निष्ठुरता ने सब पर पानी फेर दिया। दूसरी महिला कविता ने बताया कि उनके पति इंद्र गुप्ता का नोएडा के सेक्टर-27 में स्थित कैलाश हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने के लिए रेमेडेसिविर इंजेक्शन की मांग की है। वह सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगा रही हैं। लेकिन अब तक इंजेक्शन नहीं मिली है। कविता अपने पति के स्वास्थ्य को लेकर बेहद चिंतिंत हैं।

जेल भेजने की धमकी दी
मंगलवार को सीएमओ कार्यालय का एक और वीडियो वायरल हुआ है। इसमें उन महिलाओं को जेल भेजने की धमकी दी गई है, जो बार-बार रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए सीएमओ दफ्तर पहुंच रही हैं। उन महिलाओं को चेतावनी देते हुए हवालात भेजने की बात कही गई है। वीडियो वारयल होने के बाद जिले के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को खूब खरीखोटी सुनाई। उनका कहना है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी नाकामी छूपाने के लिए इस तरह के हथकंड़े अपना रहा है।

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