नोएडा में देश के सबसे बड़े हेलीपोर्ट की मिली मंजूरी, जेवर एयरपोर्ट के मॉडल पर जल्दी निर्माण शुरू होगा, ये सुविधाएं मिलेंगी

BIG BREAKING : नोएडा में देश के सबसे बड़े हेलीपोर्ट की मिली मंजूरी, जेवर एयरपोर्ट के मॉडल पर जल्दी निर्माण शुरू होगा, ये सुविधाएं मिलेंगी

नोएडा में देश के सबसे बड़े हेलीपोर्ट की मिली मंजूरी, जेवर एयरपोर्ट के मॉडल पर जल्दी निर्माण शुरू होगा, ये सुविधाएं मिलेंगी

Tricity Today | नोएडा में देश के सबसे बड़े हेलीपोर्ट की मिली मंजूरी

Noida News : नोएडा हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट (Noida Heliport Project) को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। करीब 5 वर्षों से इस परियोजना पर नोएडा विकास प्राधिकरण (Noida Authority) काम कर रहा था। गुरुवार को नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी (Ritu Maheshwari) की ओर से यह जानकारी दी गई है। अब जल्दी ही इस हेलीपोर्ट का निर्माण शुरू होगा। ग्लोबल टेंडर के जरिए कंपनी की तलाश की जाएगी। खास बात यह है कि नोएडा हेलीपोर्ट का निर्माण भी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Jewar International Airport) की तर्ज पर किया जाएगा। आपको बता दें कि नोएडा में यह देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट बनने जा रहा है।

जेवर एयरपोर्ट की तरह होगा हेलीपोर्ट का निर्माण
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तरह ही नोएडा में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। हेलीपोर्ट के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण जमीन उपलब्ध करवाएगा। जल्दी ही टेंडर निकाला जाएगा। जिसमें प्रति यात्री सबसे ज्यादा फीस देने वाली कंपनी को ठेका मिलेगा। यह फीस कंपनी विकास प्राधिकरण को देगी। कंपनी को अगले 30 वर्षों के लिए इस हेलीपोर्ट का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यही मॉडल जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए अपनाया गया है। हवाईअड्डे के लिए जमीन सरकार और जिले के तीनों विकास प्राधिकरण होने दी है। जूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने प्रति यात्री सर्वाधिक बोली लगाकर टेंडर हासिल किया है।

Image

दुनिया का सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर एमआई-172 उतर सकेगा
नोएडा हेलीपोर्ट का उपयोग बहुउद्देशीय होगा। यहां से कमर्शियल उड़ान होंगी। जिनके लिए बेल-412 हेलीकॉप्टर उपयोग होते हैं। इन हेलीकॉप्टर्स में 12 यात्री सवार हो सकते हैं। साथ-साथ वीवीआईपी मूवमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले दुनिया के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर एमआई-172 भी यहां लैंड-टेकऑफ कर सकेगा। इन हेलीकॉप्टर की क्षमता 26 यात्रियों को लाने या ले जाने की होती है। इन बड़े हेलीकॉप्टर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नोएडा हेलीपोर्ट का डिजाइन तैयार किया गया है।

हेलीपोर्ट 9.35 एकड़ में बनेगा और 43.13 करोड़ रुपये खर्च होंगे
यह रिपोर्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) पर बनाया जा रहा है। शहर के सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट 9.35 एकड़ में बनेगा और इस पर 43.13 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आपको बता दें कि यह सेक्टर नोएडा साउथ में है, जिसे भविष्य के लिए शहर का सबसे शानदार आवासीय इलाका माना जा रहा है। यहां अथॉरिटी कई और महत्वकांक्षी परियोजनाओं पर काम कर रही है। जिनमें इंटरनेशनल गोल्फकोर्स भी शामिल है।

Image

हेलीपोर्ट पर यह विकसित की जाएंगी
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट की डीपीआर, डिजाइन और कई दूसरी औपचारिकताओं को राज्य सरकार की ओर से पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। बुधवार को हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने पूरी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए मंजूरी दे दी है। अब इस प्रोजेक्ट के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। जिसके जरिए कंपनी का चयन होगा। जो कंपनी सर्वाधिक राजस्व विकास प्राधिकरण को देगी, उसे हेलीपोर्ट का निर्माण करने और 30 वर्षों तक संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस हेलीपोर्ट पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होगा। यहां आने वाले यात्रियों को तमाम सुविधाएं दी जाएंगी।

20 यात्रियों के लिए टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जाएगी
इस हेलीपोर्ट से लगातार 20 यात्री आवागमन कर सकेंगे। इनके लिए टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जाएगी। टर्मिनल बिल्डिंग 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनाई जाएगी। जिसमें सभी तरह की सुविधाएं होंगी। इस रिपोर्ट में 5 बेल-412 हेलीकॉप्टर खड़े करने के लिए पार्किंग की सुविधा रहेगी। यह रिपोर्ट आत्मनिर्भर होगा। इसमें पावर स्टेशन, फायर स्टेशन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और दूसरी तमाम मूल सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

Image

मेट्रो और एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा हेलीपोर्ट, शानदार कनेक्टिविटी होगी
ऋतु महेश्वरी ने बताया कि शहर के सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट विकसित किया जा रहा है। इस इलाके की कनेक्टिविटी बहुत शानदार है। जिसका फायदा हेलीपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को मिलेगा। यह हेलीपोर्ट नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन के सेक्टर-147 स्टेशन से केवल 3 किलोमीटर दूर है। यमुना एक्सप्रेसवे से दूरी 7 किलोमीटर है। नोएडा शहर से दूरी 17 किलोमीटर है। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 43 किलोमीटर और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 51 किलोमीटर की दूरी है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। कुल मिलाकर दिल्ली-एनसीआर के शहर मेरठ, बागपत, सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कुंडली, मानेसर, पलवल, आगरा, मथुरा, हाथरस और बुलंदशहर से हेलीपोर्ट तक पहुंचना बेहद आसान होगा। इन सारे शहरों से हेलीपोर्ट की दूरी 1 से 2 घंटे में तय होती है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से हेलीपोर्ट सटा हुआ है। आवागमन के लिए चौड़ी सड़कें उपलब्ध हैं।

हेलीपोर्ट में 50 कारों के लिए पार्किंग बनेगी
सीओ ऋतु महेश्वरी ने बताया कि इस हेलीपोर्ट में बेल और एमआई हेलीकॉप्टर पार्क करने के लिए हैंगर और एप्रेन बनाए जाएंगे। एक हेलीपैड 52 मीटर चौड़ा और 52 मीटर लंबा होगा। इनका टैक्सीवे 10-10 मीटर लंबा-चौड़ा होगा। एक एप्रेन 170 मीटर लंबा और 52 मीटर चौड़ा होगा। ऐसे 5 एप्रेन बनाए जाएंगे। हेलीपोर्ट पर बेल और एमआई हेलीकॉप्टर्स के लिए हैंगर भी बनेगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर 15 मीटर ऊंचा होगा और यहां 50 कारों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। ऋतु महेश्वरी ने कहा, "प्राधिकरण के जिम्मेदार अफसरों को इस प्रोजेक्ट के लिए जल्दी से जल्दी ग्लोबल टेंडर निकालने का आदेश दे दिया गया है।"

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.