Tricity Today | अंकुर अग्रवाल और पत्नी वृंदा शुक्ला
Noida News : सेना और पुलिस की नौकरी कई बार बहादुरी और फर्ज को आगे रखकर चलने का उदाहरण बन जाती हैं। अब रविवार को नोएडा पुलिस में ऐसी ही घटना हुई है। गौतमबुद्ध नगर में तैनात अपर पुलिस उपायुक्त अंकुर अग्रवाल का तबादला शनिवार को चंदौली हो गया है। अंकुर अग्रवाल चंदौली के नए एसपी नियुक्त किए गए हैं। रविवार को गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने उनको विदाई दी है। इस दौरान उनकी पत्नी और गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (महिला सुरक्षा) वृन्दा शुक्ला ने भी पुष्प भेंट करके अपने पति को शुभकामनाएं और विदाई दी। आपको बता दें आज करवा चौथ है। आज के दिन तो एक दूजे से दूर रहने वाले पति-पत्नी भी मिलने की कोशिश करते हैं। एक और ख़ास बात आपको बता दें, दोनों की लव स्टोरी खासी मशहूर है।
20 महीने पहले दोनों को नोएडा मिली थी पोस्टिंग
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट करीब 20 महीने पहले बना था। उस समय आईपीएस अफसर अंकुर अग्रवाल सेंट्रल नोएडा में अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर तैनात हुए थे और उनकी पत्नी आईपीएस वृन्दा शुक्ला को महिला सुरक्षा डीसीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दोनों करीब 20 महीनों तक गौतमबुद्ध नगर जिले में तैनात रहे। अब अंकुर अग्रवाल का तबादला हो गया।
चंदौली के नए एसपी बने अंकुर अग्रवाल
अंकुर अग्रवाल चंदौली के नए एसपी नियुक्त किए गए हैं। वहीं उनकी पत्नी और महिला सुरक्षा डीसीपी वृन्दा शुक्ला में ही तैनात रहेंगी। अंकुर अग्रवाल 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी है। वह आईपीएस मूल रूप से हरियाणा अंबाला के रहने वाले हैं। उनका जन्म 24 दिसंबर 1988 में हुआ था।
दोनों बचपन से थे पड़ोसी और सहपाठी
वृंदा शुक्ला भी हरियाणा के अंबाला के रहने वाली है। अंकुर अग्रवाल और वृंदा शुक्ल एक दूसरे के पड़ोसी थे। वृंदा और अंकुर ने अंबाला कॉन्वेंट जीसस एंड मैरी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई साथ पूरी की थी। आगे की पढ़ाई के लिए वृंदा अमेरिका चली गईं, जबकि अंकुर ने भारत में रहकर ही इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।
दोंनो का अभी तक ऐसा रहा है सफर
पढ़ाई पूरी करने के बाद वृंदा शुक्ला की अमेरिका में नौकरी करने लगीं थी, जबकि अंकुर अग्रवाल ने इंजीनियरिंग करने के बाद बेंगलुरु में नौकरी शुरू की। एक साल तक बेंगलुरु में नौकरी करने के बाद वह भी अमेरिका चले गए। अमेरिका में नौकरी करने के दौरान ही अंकुर अग्रवाल और वृंदा शुक्ला ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद साल 2014 में वृंदा को दूसरे प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता मिली और वह आईपीएस अफसर बनीं। इसके दो साल बाद साल 2016 में अंकुर पहले प्रयास में ही सिविल सर्विसेज में चयनित हुए और आईपीएस अफसर बने।