मध्य प्रदेश की 'लाड़ली बहना योजना' से पति को लगी भनक, पढ़िए कैसे हुआ खुलासा 

अंतिम संस्कार के 53 दिन बाद नोएडा से वापस लौटी महिला : मध्य प्रदेश की 'लाड़ली बहना योजना' से पति को लगी भनक, पढ़िए कैसे हुआ खुलासा 

मध्य प्रदेश की 'लाड़ली बहना योजना' से पति को लगी भनक, पढ़िए कैसे हुआ खुलासा 

Tricity Today | लाड़ली बहना योजना के पैसे निकलते हुए मिली

Noida News : मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कुछ दिनों पहले एक लाश जिसे समझकर अंतिम संस्कार किया गया था वह नोएडा में टूटी चप्पल जुड़वाते हुए मिली है। इस हैरान कर देने वाला मामले का खुलासा एमपी की लाड़ली बहना योजना से हुआ है। पत्नी को मरी हुई समझकर उसका अंतिम संस्कार कर कन्या भोज तक भी कराया गया था। आखिर में महिला जिंदा मिली है। 

2 मई से हुई थी गायब 
मिली जानकारी के मुताबिक, भिंड के जिले के मेहगांव में रहने वाले सुनील शर्मा की पत्नी ज्योति शर्मा बीती 2 मई को अचानक घर से लापता हो गई थी। पहले तो सुनील ने अपने स्तर पर ज्योति को तलाशा, लेकिन जब कहीं कोई खबर नहीं मिली तो मेहगांव थाने में शिकायत दर्ज करवाई। दो ही दिन बीते थे कि 4 मई को एक महिला की जली हुई लाश मौ थाने के कतरौल गांव के पास खेत में पड़ी मिल। जली हुई लाश की शिनाख्त करने के लिए ज्योति के मायके और ससुराल पक्ष के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। यहां ज्योति का पति सुनील शर्मा लाश को किसी और महिला की बताता रहा, जबकि मायके पक्ष के लोगों ने लाश की शिनाख्त ज्योति के रूप में ही की। परिजनों की शिनाख्त के आधार पर पुलिस ने उस लाश को ज्योति की लाश मान लिया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी। 

गंगा में अस्थि विसर्जन, कन्या भोज तक भी कराया 
मायके पक्ष और पुलिस के दबाव के चलते पति सुनील शर्मा ने महिला की लाश को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, अस्थि विसर्जन के लिए गंगा जी भी पहुंचा और यहां अस्थि विसर्जन करने के बाद वापस मेहगांव लौटकर कन्या भोज भी आयोजित किया। पुलिस ने मायके पक्ष के आरोपों पर आगे कार्रवाई करते हुए सुनील को दबोच लिया और उसकी जमकर पिटाई की, लेकिन सुनील इस बात को मानने को तैयार नहीं था कि वह लाश ज्योति की थी। 

ऐसे आया कहानी में मोड़ 
सुनील का कहना था कि उसने अपनी पत्नी की हत्या नहीं की है और न ही वह लाश उसकी पत्नी की थी। दिन बीतते गए और पुलिस का दबाव सुनील और उसके परिवार पर बढ़ता गया। अचानक एक दिन सुनील बैंक में पैसे निकालने के लिए पहुंचा, तब उसे इस बात की जानकारी लगी कि ज्योति के बैंक खाते से ₹2700 का ट्रांजैक्शन हुआ है। 

टूटी चप्पल जुड़वाते मिली ज्योति
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 'लाड़ली बहना योजना' का लाभ मिलता है। इसी पैसे को निकालने के दौरान यह खुलासा हो पाया है। ज्योति के अकाउंट से राशि को कियोस्क सेंटर पर अंगूठा लगाकर निकाला गया था। जानकारी लेने पर पता लगा कि नोएडा के एक कियोस्क सेंटर से पैसों को निकाला गया है। इसके बाद यह खबर पुलिस तक भी पहुंची। सुनील पुलिस के साथ नोएडा पहुंचा, तभी अचानक फुटपाथ पर टूटी चप्पल जुड़वाते हुए ज्योति भी मिल गई। पुलिस ने ज्योति को परिजनों को सौंप दिया लेकिन इसमें बड़ा सवाल यह है कि जिस लड़की का ज्योति समझकर अंतिम संस्कार हुआ वो थी कौन ?

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