‘न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में बनेगा, देश की जानी-मानी संस्था को मिली जिम्मेदारी

BIG NEWS: ‘न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में बनेगा, देश की जानी-मानी संस्था को मिली जिम्मेदारी

‘न्यू नोएडा’ का मास्टर प्लान 10 महीने में बनेगा, देश की जानी-मानी संस्था को मिली जिम्मेदारी

Tricity Today | MOU हस्ताक्षर के मौके पर सीईओ अफसर

  • नोएडा प्राधिकरण और मास्टर प्लान तैयार करने वाली संस्था स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के बीच एमओयू पर साइन हुए
  • न्यू नोएडा का मास्टर प्लान और ऑपरेटिव मॉडल 10 महीने में बनकर तैयार होगा
  • गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन’ बनाया जाना है
  • इसमें नोएडा के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं
  • नए नोएडा के लिए करीब 210 स्क्वायर किलोमीटर और लगभग 20 हजार हेक्टेयर जमीन का मास्टर प्लान बनेगा
गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों में बसाए जाने वाले नए नोएडा के मास्टर प्लान से जुड़ी बड़ी खबर है। आज नोएडा प्राधिकरण (Noida Development Authority) और मास्टर प्लान तैयार करने वाली संस्था स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली (School of Planning and Architecture) के बीच एमओयू पर साइन हो गए हैं। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) ने इस बारे में जानकारी दी। 

नोएडा स्थित प्राधिकरण कार्यालय में हस्ताक्षर किए गए। सीईओ ने बताया कि न्यू नोएडा का मास्टर प्लान और ऑपरेटिव मॉडल (Master Plan & Operative Model) 10 महीने में बनकर तैयार होगा। उसके बाद एजेंसी इसे प्राधिकरण को सौंपेगी। बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन’ बनाया जाना है। इसमें नोएडा के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं। इसको विकसित करने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दी गई है।

20 हजार हेक्टेयर में बसेगा 
स्कूल ऑफ प्लांनिग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली भारत सरकार से जुड़ी संस्था है। मास्टर प्लान के लिए आईआईटी रूड़की, आईआईटी खड़गपुर आदि से आवेदन मांगे गए थे। ताकि इनमें से किसी का चयन किया जा सके। मगर सबसे सस्ते रेट स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर दिल्ली ने दिए। मास्टर प्लान में दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेन्ट के खास प्लॉनिंग की जाएगी। संस्था ने कहा है कि अगले 10 महीने में पूरा मास्टर प्लान तैयार हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से खासतौर पर दादरी क्षेत्र को बड़ा लाभ मिलेगा। इस इलाके के विकास के लिहाज से यह परियोजना बेहद अहम साबित होगा। सीईओ ऋतु महेश्वरी ने हस्ताक्षर के मौके पर कहा कि कैसे दुनियाभर की इंडस्ट्रीज को आकर्षित किया जाए, इस मास्टर प्लान में इस पर पूरा फोकस रहेगा। नए नोएडा के लिए करीब 210 स्क्वायर किलोमीटर और लगभग 20 हजार हेक्टेयर जमीन का मास्टर प्लान बनेगा। 
निवेशकों को आकर्षित करेगा 
एजेंसी और अधिकारियों के मुताबिक मास्टर प्लान को बनाने में करीब 10 महीने का वक्त लगेगा। ट्राईसिटी टुडे ने पहले ही यह खबर प्रकाशित की थी। न्यू नोएडा को लेकर पहले से ही प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी (CEO Ritu Maheshwari IAS) का विजन क्लियर है। उन्होंने कहा कि इस शहर को निवेशकों की पसंदीदा जगह बनाया जाएगा। इसलिए नए नोएडा को उसी तरह के अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा। नया नोएडा रेलवे से कनेक्ट होगा। यहां मेट्रो की सेवा भी पहुंचेगी। इसे जेवर एयरपोर्ट से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा सड़क परिवहन को मजबूत बनाया जाएगा। ताकि निवेशकों को किसी तरह की शिकायत ना हो।

हर सेक्टर के लिए जोन बनेंगे
नए नोएडा के विकास का मॉडल धोलेरा पर आधारित होगा। यहां हर सेक्टर के लिए अलग जोन बनाए जाएंगे। प्राधिकरण ने न्यू नोएडा में आवासीय, इंडस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, औद्योगिक इकाई और संस्थानों को स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा न्यू नोएडा में एसईजेड, इंडस्ट्रियल स्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, बॉयोटेक्नोलॉजी और इंटीग्रेटेड टॉउनशिप के मॉडल्स तैयार किए जा रहे हैं। नोएडा प्राधिकरण ने न्यू नोएडा में बोड़ाकी तक मेट्रो कनेक्टिविटी की योजना पर भी काम किया है। न्यू नोएडा से दादरी नगर पालिका के क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं होगा। इसमें गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं। गौतमबुद्ध नगर के जिन 20 गांवों की जमीन अधिग्रहित होगी, वे दादरी से ही शुरू हो रहे हैं। पर सभी गांव दादरी नगर पालिका से बाहर के हैं। इसमें जारचा नगर पालिका के कई गांव शामिल हैं।

पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ होगा 
नोएड अथॉरिटी ने नक्शे में न्यू नोएडा का खाका खींचा गया है। इसके मुताबिक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) के दोनों तरफ न्यू नोएडा क्षेत्र का दायरा होगा। प्राधिकरण ने दूसरे तरफ के कुछ गांवों का रकबा भी चिन्हित किया है। इनमें कोट, नयाबासरी, फूलपुर, खंडारा, गिरिराजपुर, आनंदपुर और कुछ अन्य गांव शामिल हैं। मास्टर प्लान तैयार कराने से पहले क्षेत्र में मौजूद 80 गांव की मौजूदा आबादी का भी हिसाब लगाया जाएगा। दरअसल गांव और गांव की जमीन के हिसाब से ही मास्टर प्लान बनेगा। 

इस मॉडल पर बनेगा 
गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को मिलाकर बसाए जाने वाले नए नोएडा को गुजरात के धोलेरा मॉडल पर विकसित किया जाएगा। गुजरात के प्रमुख औद्योगिक शहर अहमदाबाद के करीब धोलेरा नया औद्योगिक शहर बसाया जा रहा है। अहमदाबाद के पास तकरीबन 920 वर्ग किलोमीटर में यह रीजन विकसित हो रहा है। यह स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन के प्लॉनिंग मॉडल पर विकसित हो रहा है। इसे बसाने में चार मुख्य पॉइंट पर फोकस किया गया है। यहां वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्टेनेबिलिटी, सोशल इन्फ्राट्रक्चर और एफिशिएंट गवर्नेंस है। इन सब को ध्यान में रखकर कई चरण की प्लानिंग के हिसाब से शहर को बसाने का काम शुरू किया गया है। कई विदेशी कंपनियां पहले ही यहां निवेश की शुरुआत कर चुकी हैं।

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