नोएडा के निजी अस्पतालों में स्थानीय मरीजों के लिए 50 फीसदी बेड रिजर्व, बस करना होगा ये काम

बड़ी खबर: नोएडा के निजी अस्पतालों में स्थानीय मरीजों के लिए 50 फीसदी बेड रिजर्व, बस करना होगा ये काम

नोएडा के निजी अस्पतालों में स्थानीय मरीजों के लिए 50 फीसदी बेड रिजर्व, बस करना होगा ये काम

Google Image | निजी अस्पतालों में स्थानीय मरीजों के लिए 50 फीसदी बेड रिजर्व

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने निजी अस्पतालों में 50 फीसदी बेड स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व कर दिया है। इस फैसले के बारे में जिले के सभी निजी अस्पतालों को दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। दरअसल पिछले हफ्ते से गौतमबुद्ध नगर में कोविड संक्रमितों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है। हॉस्पिटल में बेड कमी हो गई है। सोमवार को नोएडा के निजी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा था। इसको देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है।

600 बेड जिले के मरीजों के लिए आरक्षित
बताते चलें कि गौतमबुद्ध नगर में निजी कोविड अस्पतालों में 1200 से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं। अब इनमें से 600 बेड पर जिले के कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जाएगा। हालांकि इसके लिए मरीजों को आधार कार्ड दिखाना होगा। इस पर स्थानीय पता लिखा होना चाहिए। जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जनपद में कोरोना संक्रमितों की संख्या के सापेक्ष बेड पर्याप्त हैं। लेकिन दूसरे जिलों के मरीजों के पहुंचने से बेड भर जाते हैं।

दूसरे जिले के मरीज बिगाड़ रहे गणित
नोएडा के अस्पतालों में दिल्ली, गाजियाबाद सहित वेस्ट यूपी से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। पिछले वर्ष भी जिले के अस्पतालों में दिल्ली और वेस्ट यूपी के मरीजों की संख्या स्थानीय संक्रमितों से ज्यादा थी। इस वजह से अस्पताल फूल हो गए और स्थानीय मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा था। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल गौतमबुद्ध नगर के प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती 60 फीसद मरीज दिल्ली और दूसरे जिलों के हैं। पिछले दो हफ्तों से नए संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए इलाज के लिए बेड की कमी पड़ रही है। 

'जनपद के निवासियों के लिए निजी कोविड हॉस्पिटल में 50 फीसदी बेड आरक्षित किए गए हैं। सभी अस्पतालों को इस बारे में सूचना दे दी गई है। मंगलवार से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।
 -डॉ दीपक ओहरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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