पशुधन टेंडर घोटाले का इनामी नोएडा से गिरफ्तार, सांसद से भेंट के बाद बदली किस्मत

यूपी एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, पशुधन टेंडर घोटाले का इनामी नोएडा से गिरफ्तार, सांसद से भेंट के बाद बदली किस्मत

पशुधन टेंडर घोटाले का इनामी नोएडा से गिरफ्तार, सांसद से भेंट के बाद बदली किस्मत

Social Media | पुलिस की गिरफ्त में अमित

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने चर्चित पशुधन विभाग के टेंडर घोटाले में फरार 50 हजार रुपये के इनामी अन्तरार्ज्यीय ठग को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ ने अमित मिश्रा उर्फ रिंकू को कालिन्दी कुंज पुल के पास से मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे दबोच लिया। बताते चलें कि पशुधन विभाग के टेंडर में धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख की ठगी हुई थी। इस संबंध में लखनऊ की हजतगंज कोतवाली में पिछले साल मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों को जल्दी गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। मामले में एसटीएफ पहले ही 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। 

घोटाले के मुख्य अभियुक्त आशीष राय का सहयोगी अमित मिश्रा उर्फ रिंकू फरार चल रहा था। इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। एसटीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त धोखेबाज के बारे में सूचना मिली थी। शातिर ठग अमित मिश्रा बचने के लिए गौतमबुद्ध नगर में कहीं छिपा हुआ है।  इसके आधार पर एसटीएफ की एक टीम गौतमबुद्ध नगर के लिए रवाना की गयी। मुखबिर की सूचना पर घेराबन्दी कर आरोपी को कालिन्दी कुंज पुल के पास से अरेस्ट किया गया। पूछताछ में अमित ने पूरा किस्सा सुनाया। उसने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह दिल्ली, गौतमबुद्ध नगर और हरियाणा के फरिदाबाद में जगह बदल कर रहता था। 

कुंभ मेले में टेंडर दिलाने के नाम पर की धोखाधड़ी
पशुधन घोटाले के मास्टर माइंड का सहयोगी दूसरे प्रोजेक्ट के टेंडर दिलाने के नाम पर भी ठगी करता था। पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2017 में कुंभ मेले में पर्यटन विभाग का निविदा दिलाने के नाम पर उसने दो लोगों से पैसे लिए। इस केस में उसने 16 लाख और 25 लाख की ठगी की थी। थाना गोमती नगर में इस संबंध में भी केस दर्ज है। 

लाइजनिंग करता था
फरारी के दौरान अमित दिल्ली में रहकर लाइजनिंग का काम करता था। साल 2017 में ही उसने अपने दोस्त उमाशंकर तिवारी, बादशाह मलिक व शरद जैन के साथ मिलकर धोखेबाजी की थी। उक्त प्रक्ररण में इन सबने मेघालय के फूड कॉरपोरेशन में 220 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर 37 लाख रूपये की चपत लगाई थी। इसमें दिल्ली के इसके साथी जावेद ने मध्यस्तता की थी। हालांकि बाद में सच्चाई का पता चल जाने के बाद इन्होंने दबाव में आकर पैसे वापस कर दिया था।
        
सांसद से मुलाकात के बाद बदली तकदीर
अमित बीएससी ग्रेजुएट है। साल 2001 से वह दिल्ली में रह रहा है। पहले वह चांदनी चौक पर बिजली की दुकान में 1800 रुपये प्रतिमाह की नौकरी करता था। वहीं उसकी मुलाकात सासाराम, बिहार के सांसद शैलेन्द्र  प्रताप सिंह से हुई। फिर वह सांसद के साथ काम करने लगा। सांसद के जरिए उसकी भेंट चंद्रा स्वामी से हुई। फिर उसने स्वामी के यहां काम करना शुरू कर दिया। साल 2003 से 2008 तक अमित उनका पर्सनल सेक्रेटरी रहा। 

साल 2009 में गोवा के चर्चित पूर्व मुख्यमंत्री/पीडब्लूडी मंत्री का ओएसडी भी रहा। इस दौरान उसने खूब धन कमाया। साल 2017 में इसने  नोएडा के अट्टा मार्केट में गुरूकृपा होम अप्लायंस के नाम से शोरूम शुरू किया। यहीं उसकी भेंट उमेश मिश्रा और आषीश राय हुई। एसटीएफ ने गिरफ्तार अभियुक्त को हजरतगंज कोतवाली को सुपुर्द कर दिया है। आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है।

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