विज्ञापन के नाम पर कंपनी ने खोला करोड़ों का कारोबार, ट्रैफिक सेल ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

ई-साइकिल प्रोजेक्ट पर नोएडा अथॉरिटी मेहरबान : विज्ञापन के नाम पर कंपनी ने खोला करोड़ों का कारोबार, ट्रैफिक सेल ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

विज्ञापन के नाम पर कंपनी ने खोला करोड़ों का कारोबार, ट्रैफिक सेल ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

Tricity Today | डॉक स्टेशन

Noida News : नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के ट्रैफिक सेल में तैनात अधिकारियों ने पसंदीदा कंपनी को टेंडर देकर करीब 11 महीने पहले ई-साइकिल प्रोजेक्ट (E Cycle Project) को सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से हरी झंडी दिखवा दी। लेकिन ई-साइकिल योजना चार्ज होने का नाम नहीं ले रही है। सड़कों पर ई-साइकिल दौड़ने से पहले ही पंचर हो गई हैं। हालत यह है कि स्टेशनों पर ताले जड़े हुए हैं। इस एजेंसी का इलेक्ट्रिक बस प्रोजेक्ट भी फेल हो चुका है। इसकी जांच खानापूर्ति में व्यस्त होने के कारण धूल फांक रही है। कुल मिलाकर नोएडा अथॉरिटी की ट्रैफिक सेल ई-साइकिल में हवा भरने में नाकामयाब रही है।

कंपनी ने पूरे शहर में खड़े कर दिए होर्डिंग्स
दूसरी तरफ कंपनी पर मेहरबान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कंपनी ने बेखौफ होकर पूरे शहर में होर्डिंग्स लगातार खड़े कर दिए हैं। इन पर विज्ञापन देने के इच्छुक लोगों को एक कॉन्टैक्ट नंबर भी दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक़ इस कम्पनी को इन होर्डिंग्स पर लगने वाले विज्ञापनों से हर महीने कम से कम 18,00,000 रुपये की कमाई होगी। कुल मिलाकर स्थिति साफ़ है कि शहर का भला हो या ना हो इस कम्पनी का भला ज़रूर होगा। सवाल यह उठता है कि नोएडा प्राधिकरण का ट्रैफ़िक सेल सफ़ेद हाथी क्यों बनता जा रहा है? ट्रैफ़िक सेल के सारे प्रोजेक्ट फ़ेल हो रहे हैं। ट्रैफिक सेल के ज़िम्मेदार सीनियर अफ़सर आंखें और कान बंद करके बैठे हुए हैं।

होर्डिंग्स लगाने के लिए मोटी फीस की डिमांड 
नोएडा अथॉरिटी ई-साइकिल संचालन करने के लिए ज़िम्मेदार टर्बन मोबलिटी कंपनी पर मेहरबान क्यों है? यह सवाल हमारा नहीं है। अथॉरिटी और शहर के गलियारों में चर्चाएं पूछ रही हैं। कंपनी का मकसद ई-साइकिल परियोजना के जरिए पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करना था। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने के लिए था या जेब भरने का प्रोजेक्ट है। इसकी भनक केवल ट्रैफिक सेल के अधिकारियों और ई-साइकिल प्रोजेक्ट एजेंसी को है। जब ट्राईसिटी टुडे ने जांच पड़ताल की तो मामला कुछ ऐसा नजर आया। नोएडा अथॉरिटी की ओर से दी गई जमीन पर बने ई-साइकिल स्टेशनों पर ताले जड़े हुए हैं। दूसरी तरफ ई-साइकिल स्टैंड पर टर्बन मोबलिटी कंपनी ने एडवर्टाइजमेंट करना शुरू कर दिया है। बाहर की कंपनियों से विज्ञापन के नाम पर होर्डिंग्स लगाने के लिए मोटी फीस डिमांड की जा रही है। चर्चाएं यह भी हैं कि कंपनी पर एक्शन की बात कहकर ट्रैफिक सेल के अधिकारी चुप हैं।

सीएम योगी से प्रोजेक्ट को दिलवाई हरी झंडी
इस प्रोजेक्ट में प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को शारीरिक रूप से बेहतर फायदे मिलेंगे। ई-साइकिल अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। बिना बैटरी के इसका वजन 60 किलो से अधिक नहीं होगा। फ्रंट और बैक साइड में रिफ्लेक्टर लगे होंगे। इसकी सीट को ऊंचा या नीचा किया जा सकेगा। यह जीपीएस सिस्टम से लैस होगी। यह सब सपने दिखाकर सीएम योगी से नोएडा अथॉरिटी ने प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिलवाई। पहले चरण में 31 स्टैंड से 310 साइकिल चलाने की जिम्मेदारी टर्बन मोबिलिटी कंपनी को दी गयी थी। तीन महीने के अंदर सभी 62 स्टैंड से 620 साइकिल का संचालन शुरू करना था। लेकिन बमुश्किल कुछ स्टैंड से साइकिल ठीक ढंग से नहीं चल पा रही हैं।

नोटिस के जवाब का इंतजार 
दिसंबर 2023 में अथॉरिटी ने कहा था कि अनुबंध के आधार पर प्रोजेक्ट को शुरू करने की समय सीमा ख़त्म हो गई है। कंपनी को नोटिस जारी करके कंपनी से संचालन की पूरी स्थिति का ब्योरा मांगा था, जिसमें फोटो ग्राफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। लेकिन कंपनी ने न तो अभी जानकारी दी है और न ही रिपोर्ट से अवगत कराया है। नोएडा प्राधिकरण ट्रैफिक सेल के अधिकारियों ने बताया कि टर्बन मोबलिटी कंपनी को अंतिम नोटिस भेजा गया है। अगर अब नोटिस का जवाब नहीं आया तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।

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