कोनरवा ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीईओ ऋतु महेश्वरी को लिखा पत्र, संस्था ने उठाई ये 12 बड़े मुद्दे

Noida : कोनरवा ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीईओ ऋतु महेश्वरी को लिखा पत्र, संस्था ने उठाई ये 12 बड़े मुद्दे

कोनरवा ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीईओ ऋतु महेश्वरी को लिखा पत्र, संस्था ने उठाई ये 12 बड़े मुद्दे

Goggle | CEO Ritu Maheshwari

Noida News : कोनरवा ने नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी को शुक्रवार को पत्र लिखा। जिसमें संस्था ने शहर में बढ़ रहे प्रदूषण के मुद्दे को उठाया। साथ ही संस्था ने बताया कि नोएडा में ही नहीं अपितु पूरे जिले गौतमबुद्ध नगर में प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनो ही प्रायः इन दिनो में मानकां से बहुत अधिक रहता है और एक अक्टूबर से जीआरपीए भी लगा दिया गया है। वर्तमान में तो प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 और  पीएम 10 दोनों का ही नोएड़ा सहित पूरे गोतमबुध नगर में खतरे के स्तर पर पहुंच चुका है। जिससे नागरिकों के द्वारा सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आने वाले दिनो में यह और भी ज्याद होने की समभवना है। क्योकि सर्दीयो का मौसम शुरू होने जा रहा है व त्यौहारो में दिपावली व छठ जैसे त्यौहार आ रहे है। जिस पर अतिशबाजी व पटाखो से प्रदुषण का स्तर बढ़ता है। हमें शहर की स्वच्छता अभियान के मॉडल पर प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए तुरन्त काम शुरू करना चाहिए और शहर को सबसे प्रदुषित 10 शहरो की श्रेणी से निकाला जाना चाहिए। जिसके लिए हम सभी को मिल कर कार्य करना होगा।  

इन 12 कारणों से बढ़ रहा शहर में प्रदूषण 
1. निर्माण कार्य भी मानको पर चारां तरफ से ढ़क कर किया जाना चाहिए और निमार्ण सामग्री व मिट्टी के ढेर लगा कर खुले में नही रखना चाहिए। साथ ही उन्हें चारां तरफ से घेर कर रखा जाना चाहिए। जिससे हवा चलने पर निर्माण सामग्री व मिट्टी हवा में न उडे और  आवश्यकतानुसार उस पर एसटीपी वॉटर का छिड़काव किया जाना चाहिए। पुराने निर्माण को तोड़ने के समय उस बिल्डिंग को चारां तरफ से ढ़का होना चाहिए और  थोड़ा-थोड़ा तोड़ा जाना चाहिए, जिससे प्रदूषण कम हो।

2.  सरकारी ठेकेदारों द्वारा सरकारी ठेके के लिए निर्माण व मरम्मत के लिए खुदाई की मिट्टी की सफाई तुरन्त की जानी चाहिए न कि उस फैला कर छोड़ देना चाहिए। अपितु उस पर पानी का छिड़काव भी कराते रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त निर्माण सामग्री सार्वजनिक स्थान पर डाल कर ढेर नही लगाया जाना चाहिए। अपितु आवश्यकतानुसार उतनी ही आवश्यक सामग्री लाकर काम करना चाहिऐ। साथ के साथ कार्य स्थल की सफाई करनी चाहिए ओर अगर कोई सामग्री रखना अति आवश्यक हो, तो उपरोक्त सावधानियॉं बर्तनी चाहिए। जैसे की उस सामग्री को ढ़क कर रखना, पानी का छिड़काव करके उसे हवा में उड़ने से बचाव करना तथा कम से कम स्थान को घेरना।

3. माल वाहक वाहन जैसे मिट्टी, रेत, बदरपुर, सीमेन्ट, कूडा-करकट और  गारबेज आदि वाहन शतप्रतिशत तिरपाल से ढ़के होने चाहिए।

4. सभी शहरी क्षेत्रों में सड़कां की सफाई वैक्यूम मशीन द्वारा रात्री में की जानी चाहिए, ताकि धूल न उड़े। सड़को के किनारो में एकत्रित मिट्टी की भी सफाई करा कर उठाना चाहिए, जिससे हवा के साथ और वाहनो के साथ न उड़े।

5. किसी भी प्रस्थिति में कूड़ा-करकट व अन्य वस्तुओं को जलाने की अनुमति नही होनी चाहिए, क्योकिं यह भी प्रदूषण का एक बहुत बड़ा कारण है।

6. औद्योगिक ईकाईयॉ जिनसे प्रदूषण निकलता है, वहां पर प्रदूषण की रोकथाम के नियमों का शक्ति से पालन कराया जाना चाहिए। जिसकी नियमित जांच भी होनी चाहिए। अति संवेदनशील प्रदूषण फैलाने वाली ईकाईयों को अलग से चिन्हित किया जाना चाहिए और उनपर एक अलग से नीति बना कर उपयुक्त कदम उठाये जाने चाहिए।

7. पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिए जहां भी सम्भव हो वहां पर अभियान चला कर पेड़ लगाये जाने चाहिए तथा बाद में भी रख रखाव होना चाहिए।

8. प्रायः देखा गया है कि पुराने घरो में रेनोवेसन का कार्य समय टूट फूट का कुड़ा सड़को पर ढ़ाल दिया जाता है जो कई कई दिनो तक ऐसे ही पढ़ा रहता है और हवा के साथ मिल कर प्रदुषण को बढ़ाता हैं। ऐसे कुड़े को शिघ्र ही सड़को से हटाया जाना चाहिए और इसकी जवाबदेही मकान मालिका की होनी चाहिए।

9. शहर में चल रहे जनरेटर से बहुत अधिक प्रदूषण हो रहा है। इस पर भी उपयुक्त कदम उठाने चाहिए और जहां पर भी जनरेटर का प्रयोग किया जा रहा है। उन सभी को गैस (सीएनजी व एलपीजी) से चलने वाले जनरेटरो का प्रयोग किया जाना चाहिए।

10. शहर में अनेक कम्पनियो वायु व पानी का प्रदुषण अधिक कर रही है। मानको के अनुसार उपयुक्त कदम नही उठा रही है उन्हे भी चिन्हित करके प्रदूषण कम करने के उपाय करने चाहिए।

11. हमें सैक्टरो की आरडब्लूए, स्कूलो और कॉलेज आदि के साथ मिल कर जागरूकता कार्यक्रम किये जाने चाहिए। जिससे नागरिको को प्रदुषण के प्रति सचेत किया जा सके।

12. शहर की सड़को पर चलने वाले वाहनो की भी नियमित प्रदुषण जांच कि जानी चाहिए और मानको से अधिक प्रदुषण फैलाने वाले वाहनो पर नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.