नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार

दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर भारतीय : नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार

 नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार

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Noida/Lucknow News : साल 2023 में भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश में दर्ज हुआ है। स्विस संगठन आईक्यू एयर की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। संगठन ने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों और राजधानियों की सूची जारी की है। देश श्रेणी में बांग्लादेश पहले और पाकिस्तान दूसरे स्थान पर है। राजधानी की श्रेणी में दिल्ली सबसे प्रदूषित रही। दुनिया के सबसे प्रदूषित देश में भारत तीसरे स्थान पर है। पिछले साल भारत आठवें स्थान पर था। इस बार पांच पायदान ऊपर चढ़ गया है। 

भारत के यह शहर सबसे प्रदूषित 
दुनिया की शीर्ष 50 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में अकेले भारत से 42 शहर शामिल हैं। पहले नंबर पर बिहार का बेगूसराय (1) है। इसके बाद गुवाहाटी (2) और फिर दिल्ली (3) है। इसके अलावा यूपी का ग्रेटर नोएडा (11) मुजफ्फरनगर (16), गुड़गांव (17), आरा (18), दादरी (19), पटना (20), फरीदाबाद (25), नोएडा (26), मेरठ (28), गाजियाबाद (35) और हरियाणा का रोहतक 47वें स्थान पर है। स्विस वायु गुणवत्ता निगरानी निकाय IQAir के अनुसार, यह डेटा 134 देशों के 7,812 स्थानों पर 30 हजार से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से एकत्र किया गया है। यह एक चिंताजनक विषय है। 

दिल्ली-एनसीआर के यह शहर सबसे प्रदूषित बने 
आईक्यू एयर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, खराब हवा मामले में दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 के स्तर में विशेष रूप से चिंताजनक वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में यह पाया गया कि यह 10% तक बढ़ गई है। वहीं, दिल्ली एनसीआर के बाकि शहर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम ने भी अपना नाम दर्ज कराया है।  

क्या होता है PM 2.5
पीएम वायु में मौजूद छोटे कण होते हैं। यह वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण होते हैं। ये इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आप देख नहीं सकते हैं। वहीं, कुछ तो इतने छोटे होते हैं, जिन्हें देखने के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है। वहीं, इन कणों के संपर्क में आने से अस्थमा, कैंसर, स्ट्रोक और फेफड़ों आदि की बीमारी हो सकती है। बच्चों का विकास तक रुक सकता है। मधुमेह जैसी बीमारी का भी खतरा रहता है।

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