नोएडा में बने यू-टर्न की जांच के बाद सीआरआरआई ने अपनी रिपोर्ट नोएडा प्राधिकरण को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नोएडा में बने ज्यादातर यू-टर्न गलत ढंग से बने हैं। इसकी वजह से यू-टर्न पर ट्रैफिक जाम की समस्या आम है। साथ ही हादसों का अंदेशा बना रहता है। शहर के रोड नंबर-6 (सेक्टर-62 मॉडल टाउन से सेक्टर-71) के सभी 11 यू-टर्न के डिजाइन दोषपूर्ण हैं। रिपोर्ट आने के बाद नोएडा प्राधिकरण इन सभी यू-टर्न को नए सिरे से बनाने की तैयारी में है। साथ ही सभी यू-टर्न को चौड़ा किया जाएगा। इन सभी यू-टर्न को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बनवाया था।
नोएडा में ज्यादातर यू-टर्न बनाने में मानकों का पालन नहीं किया गया है। हर यू-टर्न में दोषपूर्ण इंजिनियरिंग की गई है। सेक्टर-32 बस डिपो के सामने बने यू-टर्न में बस एक बार में नहीं मुड़ पाती थी। बाद में यू-टर्न के कुछ हिस्से को तोड़कर चौड़ा किया गया। इसी तरह सेक्टर-30 जिला अस्पताल के सामने सेक्टर-27 की तरफ जाने वाले, सेक्टर-60 की तरफ उतरते हुए एलिवेटेड रोड के नीचे बना यू-टर्न, सेक्टर-51 होशियारपुर तथा डीएससी रोड पर बने यू-टर्न भी दोषपूर्ण ढंग से बने हुए हैं।
सेक्टर-62 से सेक्टर-71 तक के पूरे रूट पर नोएडा-द्वारका ब्लू लाइन मेट्रो संचालित होती है। सेक्टर-71 से सेक्टर-63 के बीच मेट्रो 2 साल पहले मार्च में शुरू हुई थी। जब ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा था, तो नीचे सड़क काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी। मेट्रो का संचालन आरम्भ होने के बाद रोड पर करीब 11 जगहों पर यू-टर्न बनाए थे। इनमें 5 जगह डबल यू-टर्न और मॉडल टाउन अंडरपास के ऊपर एक यू-टर्न था। नोएडा प्राधिकरण इसी रास्ते को सिग्नल फ्री बनाने की तैयारी में है। इसी सिलसिले में प्राधिकरण ने सीआरआरआई से सर्वे कराया।
सीआरआरआई ने अपनी जांच में इन सभी यू-टर्न के डिजाइन में खामियां पाई हैं। ये सभी पूरे यू-आकार में बने हुए हैं। आधे से भी कम आकार में बने होने की वजह से यू-टर्न से निकल रहीं और पीछे से आ रही गाड़ियां बिल्कुल करीब से जाती हैं। किसी एक गाड़ी चालक की जरा सी चूक हादसे का सबब बन जाएगी। ऐसी दिक्कत इस रूट पर बने सभी यू-टर्न का है। इसलिए सीआरआरआई ने इनको मानकों के हिसाब से अधिक चौड़ा बनाने का सुझाव दिया है।
इन समस्याओं के बारे में नोएडा ट्रैफिक सेल के वरिष्ठ प्रबंधक एके सक्सेना ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रोड नंबर-6 पर बने यू-टर्न के डिजाइन में खामी पाई गई हैं। प्राधिकरण सभी दोषपूर्ण यू-टर्न को नए सिरे से मानकों के मुबातिक बनाएगा। ये सभी यू-टर्न डीएमआरसी की निगरानी में बनाए गए थे। दरअसल इस पूरे मार्ग पर कोई लालबत्ती नहीं है। पूरा रूट सिग्नल फ्री है पर गलत ढंग से बने यू-टर्न की वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या होती है।
खर्च होगी मोटी रकम
जानकार बताते हैं कि सिंगल यू-टर्न बनाने में करीब 50-60 लाख रुपये का खर्च आता है। इसी तरह डबल यू-टर्न बनाने में तकरीबव 1 करोड़ रुपये लग जाते हैं। हालांकि इसमें यू-टर्न बनाने के साथ बराबर वाली सड़क चौड़ा करने और उसको बनाने का भी खर्चा शामिल है। फिर भी अगर शहर में सभी यू-टर्न को फिर से बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी, तो इसमें भारी-भरकम बजट खर्च होगा।
एफओबी बनाने का सुझाव
सीआरआरआई ने सेक्टर-60 अंडरपास की तरफ सेक्टर-59 के सामने एक एफओबी बनाने का सुझाव दिया है। यहां पर लोग भारी संख्या में पैदल सड़क पार करते हैं। इसलिए हादसे का अंदेशा बना रहता है। एफओबी बनाने से लोगों को सहुलियत हो जाएगी। साथ ही, हादसे का अंदेशा कम हो जाएगा।