एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ गुर्जर समाज में रोष, कार्रवाई की मांग

बड़ी खबरः एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ गुर्जर समाज में रोष, कार्रवाई की मांग

एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ गुर्जर समाज में रोष, कार्रवाई की मांग

Google Image | एक्ट्रेस स्वरा भास्कर

  • जांच में घटना का कोई धार्मिक एंगल नहीं मिला
  • ताबीज को लेकर आक्रोश के चलते मारपीट और दुर्व्यवहार हुआ
  • वीडियो में दिख रहा व्यक्ति और उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति पूर्व परिचित थे
  • मारपीट में शामिल तीन लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है
  • सोशल मीडिया पर जो कंटेट प्रकाशित किया गया, वो गैर-जिम्मेदाराना है
बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के एक ट्वीट के बाद गुर्जर समाज में रोष है। स्वरा भास्कर ने कहा है कि गाजियाबाद में बुजुर्ग के साथ मारपीट और जय श्री राम का उच्चारण करवाने के मामले में परवेश गुर्जर मुख्य आरोपी है। इसको लेकर गुर्जर समाज ने स्वरा भास्कर पर कार्रवाई की मांग की है। गुर्जर समाज का कहना है कि स्वरा भास्कर जानबूझकर परवेश को साबित हो चुके झूठे मामले में फंसाना चाहती हैं। इस मामले में लोनी विधानसभा से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने थानाध्यक्ष लोनी बॉर्डर, गाज़ियाबाद को पत्र लिखा है।

इसमें उन्होंने सांप्रदायिक दंगा भड़काने की साजिश में राहुल गांधी, सांसद असदुद्दीन ओवैसी, स्वरा भास्कर पर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज़ करने की मांग की है। दरअसल गाजियाबाद के लोनी थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग के साथ मारपीट, जबरन दाढ़ी काटने और जय श्री राम बुलवाने का वीडियो वायरल हुआ था। इस संबंध में टि्वटर इंडिया, ट्विटर और द वायर समेत कुल 9 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। क्योंकि जांच में पाया गया था कि पूरा घटनाक्रम व्यक्तिगत कारणों से हुआ था। मारपीट हुई थी, मगर जय श्रीराम बुलवाने का वीडियो पूरी तरह फर्जी था। इसमें कोई भी धार्मिक एंगल नहीं था। यह पूरी लड़ाई एक ताबीज को लेकर थी।

यह है पूरा मामला
गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि 5 जून को बुलंदशहर के अनूप शहर में रहने वाले अब्दुल समद लोनी बॉर्डर के बेहटा आए। यहां से अपने एक जानकार के साथ परवेश गुर्जर के घर बंथला, लोनी गए। इसी दौरान परवेश के घर उसके अन्य साथी कल्लू, आदिल, आरिफ और मुशाहिद आ गए। आरोप है कि इन सब ने बुजुर्ग के साथ मारपीट शुरू कर दी। दरअसल अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करते हैं। लेकिन उनके दिए ताबीज से परिवार पर उल्टा असर हुआ। इस वजह से सभी नाराज थे। पीड़ित, आदिल, कल्लू सब एक दूसरे से पहले से परिचित हैं। क्योंकि अब्दुल समद गांव में कई लोगों को ताबीज दे चुके हैं। पूरे मामले में परवेश गुर्जर को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो अन्य अभियुक्तों कल्लू और आदिल की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। बाकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। 


जबरन दिया जा रहा धार्मिक एंगल
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने बुजुर्ग से जय श्री राम का नारा नहीं लगवाया। पूरी लड़ाई व्यक्तिगत रही। इसमें मजहब आड़े नहीं आया। लेकिन ट्विटर पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हुआ। स्वरा भास्कर उसी आधार पर परवेश गुर्जर को दोषी मान रही हैं। लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि परवेश मारपीट के मामले में आरोपी है, न की धार्मिक उन्माद फैलाने के। गुर्जर समाज ने इस पर आपत्ति जताई है। गुर्जर समाज का कहना है कि, “परवेश गुर्जर को झूठे केस में फ़ंसाना चाहती है स्वरा भास्कर। यूपी पुलिस इससे वो वीडियो मांगे जिसमें जय श्री राम का नारा लगवा रहा है परवेश। अगर वीडियो ना मिले तो स्वरा को तुरन्त गिरफ्तार किया जाय। गुर्जर समाज इसकी कठोर निंदा करता है और स्वरा भास्कर पर कारवाई की मांग करता है।”

जानबूझकर उन्माद फैलाने का प्रयास
लोनी में हुई घटना पर गाजियाबाद के SSP अमित कुमार पाठक ने कहा, जांच में घटना का कोई धार्मिक एंगल नहीं मिला। ताबीज को लेकर आक्रोश के चलते इन्होंने ये घटना की। मारपीट में शामिल तीन लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। बाकी लोगों के लिए हमारी टीमें प्रयास कर रही हैं। सोशल मीडिया पर जो कंटेट प्रकाशित किया गया, वो गैर-जिम्मेदाराना है। जिन लोगों ने जानबूझकर सोशल मीडिया पर अलग एंगल देने के लिए इसको छापा, उसमें 6 लोगों, एक वेबसाइट, ट्विटर और ट्विटर इंडिया के खिलाफ FIR लिखी गई है।

पुलिस कार्रवाई करेगी
लोनी की घटना पर यूपी के ADG (कानून-व्यवस्था) ने कहा, गाजियाबाद पुलिस की जांच में पाया गया कि घटना 5 जून की थी। वीडियो में दिख रहा व्यक्ति और उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति पूर्व परिचित थे। उसने उन व्यक्तियों को ताबीज बेचे थे। सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने पर उन्होंने उसके साथ मारपीट की। 14-15 जून की रात को गाजियाबाद पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रेस विज्ञप्ति से स्पष्ट किया कि घटना व्यक्तिगत विवाद से हुई है। इसके बावजूद धार्मिक वैमनस्यता और प्रदेश में माहौल खराब करने के लिए 5 व्यक्ति और एक मीडिया ग्रुप ने अपने ट्वीट को डिलीट नहीं किया। ना ही सही तथ्यों का अपने अगले संदेश में उल्लेख किया। ट्विटर कॉरपोरेशन और ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भी धार्मिक झूठे ट्वीट हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। इसलिए थाना लोनी में इन सबके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

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