नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बड़ी मांग की, इन ग्रुप पर साजिश का लगाया आरोप 

बड़ी खबर : नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बड़ी मांग की, इन ग्रुप पर साजिश का लगाया आरोप 

 नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बड़ी मांग की, इन ग्रुप पर साजिश का लगाया आरोप 

Google Image | Noida Jewellers Welfare Association

Noida : नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन (Noida Jewellers Welfare Association ) ने केंद्रीय वाणिज्य-उद्योग एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल से बड़ी मांग की है। इस संदर्भ में एसोसिएशन ने केंद्रीय मंत्री को एक खत के जरिए हॉलमार्किंग से जुड़ी समस्याएं और उनके समाधान से संबंधित उपाय सुझाए हैं। साथ ही संगठन ने कुछ बड़े समूहों द्वारा छोटे ज्वेलरी कारोबारियों को दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार वर्मा, महासचिव सुशील कुमार जैन और चेयरमैन सुधीर सिंघल ने केंद्रीय मंत्री से अपनी मांगों पर विचार करने की अपील की है।

पीयूष गोयल को लिखे पत्र में संगठन ने लिखा है, ‘हमारी समस्याओं के निराकरण के लिए किये गए प्रयासों के लिए हमारी एसोसिएशन आपकी सराहना करती है। अब आपको अवगत कराना है कि कुछ लोगों का समूह नेशनल टास्कफ़ोर्स बता कर सरकार को गुमराह करने का प्रयत्न कर रहा है। उनकी मांग है कि एक्ट की धारा 17 से मैनुफैक्चर शब्द हटा दिया जाए। धारा 15 से बिक्री के लिए प्रदर्शन तथा वितरण शब्द हटा दिया जाए। यह एक षड्यंत्र प्रतीत होता है। यदि सरकार ने यह मांग मान ली तो एक्ट का समूल नाश हो जाएगा।’ 

शब्दों के हेरफेर से होगा खेल
एसोसिएशन ने आगे लिखा है, ‘ऐसा लिखने की वजह यह है कि “मैनुफैक्चर” शब्द हट जाने से यह समूह माल को हॉलमार्क करा कर रखने से बच जाएगा। “डिस्पले टू सेल” हट जाने से यह ग्रुप अपने बगैर हॉलमार्क के गहनों को बेखौफ प्रदर्शित कर पायेगा। “वितरण” शब्द हट जाने से रिटेलर के पसंद करने के बाद जेवर को बगैर हॉलमार्क करवाए जॉबवर्क के बिल पर बेच देंगे। हॉलमार्क रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से उनकी जांच नहीं होगी। कम शुद्धता का माल परिचालन में रहेगा।’

क्षमता पर्याप्त नहीं है
नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन  ने कहा है, ‘भारत सरकार को इस तथ्य से भी अवगत कराना आवश्यक है कि देश में केवल 966 हॉलमार्क सेंटर हैं। इनमें से 88 के लाइसेंस निरस्त हैं। कुल कार्यरत 878 सेंटर पूरी क्षमता के साथ प्रतिदिन 500 पीस हॉलमार्क करें तो भी 4,39,000 पीस प्रतिदिन हॉलमार्क हो पाएंगे। गणना के हिसाब से 96367 ज्वेलर्स को प्रति ज्वेलर्स बिक्री हेतु 5 पीस भी हॉलमार्क हो कर नहीं मिलेगा। इसलिए आपसे अनुरोध है कि सरकार तक हमारी मांग को प्रस्तुत करें। सेक्शन 15 और 17 में मांग किए गए बदलाव को किसी भी हाल में भारत सरकार स्वीकृति न प्रदान करे। यह जानना आवश्यक है कि कम हॉलमार्क सेण्टर कि वजह से व्यापार करना भी मुश्किल हो जाएगा।’

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