नोएडा में निजी स्कूलों की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है। अब स्कूल फीस नहीं देने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास से रोकने लगे हैं। इस सिलसिले में अभिभावकों ने शनिवार को जीपीडब्ल्यूएस (GautamBuddha Nagar Parents Welfare Society) के पदाधिकारियों के साथ शहर के दो बड़े प्राइवेट स्कूलों के सामने प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने ऑनलाइन क्लासेज के हिसाब से शुल्क पुनर्गठन की मांग की।
पैरेंट्स ने स्कूल के सामने मोमबत्ती जला कर सांकेतिक रोष व्यक्त किया और स्कूल मैनेजमेंट की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की। अभिभावक सुखपाल सिंह ने बताया के स्कूल सरकारी आदेशों के बावजूद बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा फीस के नाम पर रोक रहा है। पेरेंट्स को पीटीएम में नही बुलाया जा रहा है।
बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा
प्रदर्शनकारी पैरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्रबंधन हर तरीके से बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। अभिभावक राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग, जिला विद्यालय निरीक्षक और जिलाधिकारी को इस बारे में पहले ही शिकायत भेज चुके हैं। स्थानीय अधिकारियों से कई बार मुलाकात भी हुई है। जिलाधिकारी ऑफिस और जिला विद्यालय निरीक्षक ने लिखित आदेश जारी किया है। बावजूद इसके कोई हल नहीं निकला।
प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं
अभिभावकों का कहना है कि वे प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं। अमित ऋषी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा रोक दी थी। जिला विद्यालय निरीक्षक के लिखित आदेश के बाद क्लास शुरू की गई। लेकिन फीस पुनर्गठन के नाम पर स्कूल का ढुलमुल रवैया है।
एसोशिएसन करेगा मदद
जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया ने बताया है कि स्कूल शासन-प्रशासन के उन्हीं आदेशों का पालन करता है, जिसमें उनको लाभ दिखाई देता है। हाल ही में जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी स्कूलो को बच्चों के ऑफलाइन-ऑनलाइन परीक्षा के विकल्प दिए थे। परंतु कुछ स्कूलों ने पूरी फीस वसूलने के चक्कर में ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प अभिभावकों को दिया ही नहीं। देश में कोरोना संक्रमण फिर से फैलने लगा है। ऐसे में बच्चों को विद्यालय भेजना जोखिमभरा है। संगठन के अध्यक्ष कपिल शर्मा, उपाध्यक्ष योगेश भगौर व विजय श्रीवास्तव ने अभिभावकों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
अभिभावक रखेंगे अपना पक्ष
पैरेंट्स राहूल गर्ग, राज, देवेश, दिनेश, आशु, भावना, गरिमा, सुमेरा, तरुण, गौरव, सैफ ने प्रदर्शन के बाद बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। इसमें तय हुआ कि अभिभावक एक बार फिर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मिलकर स्कूलों के इस पक्षपातपूर्ण और अड़ियल रवैये के विरोध में अपनी बात रखेंगे।