गौतमबुद्ध नगर में निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान अभिभावक प्रदर्शन कर अपनी मांगे जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। बुधवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में अभिभावक नोएडा स्थित जिलाधिकारी निवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे। पैरेंट्स की मांग है कि स्कूल पहले ही ऑनलाइन परीक्षा संपन्न करा चुके हैं। लेकिन अब ऑफलाइन परीक्षा कराने का दबाव बना रहे हैं। दरअसल नामी विद्यालय ऑफलाइन परीक्षा के नाम पर फिर से मोटी शुल्क वसूल करेंगे। लोगों का कहना है कि जब एक बार परीक्षाएं पहले ही आयोजित हो चुकी हैं, तो फिर ऑफलाइन परीक्षा कराने का क्या औचित्य है।
गौतमबुद्ध नगर पैरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज कटारिया, आम आदमी पार्टी के नोएडा के महासचिव संजीव निगम, समाजसेवी सोनिया शर्मा और कई दूसरे संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन में शामिल होकर अभिभावकों को समर्थन दिया। पैरेंट्स की मांगों के बारे में बोलते हुए मनोज कटारिया ने कहा कि प्रशासन से सिर्फ उन्हें आश्वासन मिल रहा है। जब भी अभिभावक इन अहम मसलों को लेकर जिला प्रशासन से मिलते हैं, उन्हें यकीन दिलाया जाता है कि जल्द ही इनका समाधान निकाल लिया जाएगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। हमारी मांगों पर जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
कोरोना का खतरा टला नहीं है
बुधवार को प्रदर्शन में दो अहमें मांगे रखी गईं। मनोज कटारिया ने बताया कि कुछ बड़े निजी स्कूलों ने ऑफलाइन क्लास शुरु कर दिया है, जबकि पिछले 11 महीने से बच्चे ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। कई जगहों पर यह और ज्यादा विनाशकारी होता जा रहा है। लॉकडाउन फिर से लगने लगा है। ऐसे में पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं और यह सही भी है।
ऑफलाइन परीक्षा के नाम पर रकम वसूल रहे स्कूल
सरकार ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड से परीक्षाएं संपन्न कराने का विकल्प दिया था। लेकिन स्कूल अभिभावकों को सिर्फ ऑफलाइन मोड का विकल्प दे रहे हैं। अभिभावकों की मांग है कि जब कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं, तो उसकी फीस ऑफलाइन क्लास के बराबर क्यों वसूली जा रही है। प्रशासन को इस पर काम करना होगा और ऑनलाइन क्लास के मुताबिक फीस का निर्धारण कराना होगा।
बच्चों को कोरोना होने पर जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार की मुख्य सचिव सोनिया शर्मा ने बताया कि बड़े प्राइवेट स्कूल पैरेंट्स से एक फॉर्म साइन करा रहे हैं। इसमें लिखा है कि बच्चों को कोरोना संक्रमण होता है, तो इसकी जिम्मेदारी अभिभावकों को होगी। स्कूल प्रबंधन का इससे कोई लेनादेना नहीं होगा। यह सरासर दादागिरी है। स्कूल जबरन बच्चों को परीक्षा और पढ़ाई के नाम पर बुला रहे हैं, और कोविड-19 संक्रमण की सारी जिम्मेदारी पैरेंट्स के ऊपर डालकर स्वयं की जवाबदेही से बचना चाहते हैं।
दिल्ली से सीख ले राज्य सरकार
आम आदमी पार्टी के महासचिव संजीव निगम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को दिल्ली से सीख लेनी चाहिए। राजधानी दिल्ली में अभिभावकों के हितों का ख्याल रखते हुए निजी स्कूलों पर कड़ी नजर रखी गई है। न ही उन्हें शुल्क बढ़ाने की छूट है, और न ही ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास और परीक्षा का बहाना बनाकर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का मौका दिया गया है।
जल्द हल निकालने का दिलाया भरोसा
प्रदर्शनरत अभिभावकों ने अपनी मांगों का एक पत्र जिलाधिकारी को सौंप दिया है। डीएम सुहास एलवाई ने आश्वासन दिया है कि इन अहम मुद्दों पर जल्दी ही शिक्षा विभाग से सामंजस्य स्थापित कर फैसला लिया जाएगा। अभिभावकों के हित सर्वोपरि हैं। फीस और ऑफलाइन-ऑनलाइन क्लास के चक्कर में बच्चों की पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।