नोएडा के रफ्तार शिवम मावी 6.4 करोड़ में बिके, इस टीम ने आईपीएल में लगाई बोली

गर्व की बात : नोएडा के रफ्तार शिवम मावी 6.4 करोड़ में बिके, इस टीम ने आईपीएल में लगाई बोली

नोएडा के रफ्तार शिवम मावी 6.4 करोड़ में बिके, इस टीम ने आईपीएल में लगाई बोली

Google Photo | शिवम मावी

Noida News : शहर में क्रिकेट प्रेमियों में खुशी का माहौल है। युवा खिलाड़ी उत्साहित हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) में नोएडा के खिलाड़ी शिवम मावी (Shivam Mavi) को लखनऊ सुपर जाइंट्स (Lucknow Super Giants) ने 6.4 करोड़ में खरीदा है। इससे पहले आईपीएल-2023 में मावी को गुजरात टाइटंस ने 6 करोड़ रुपए में खरीदा था। अच्छी खासी रकम मिलने के बाद घर में बधाई का तांता लगा हुआ है।

शानदार प्रदर्शन कर खुद को साबित करेगा बेटा : पंकज मावी 
शिवम मावी का नाम सामने आते ही आईपीएल टीमों के बीच होड़ मच गई। इस खिलाड़ी को अपनी टीम में लेने के लिए पीछे कई टीमें बोली लगा रही थीं, लेकिन अंत में लखनऊ सुपर जाइंट्स ने अपने साथ जोड़ लिया। उनके पिता पंकज मावी ने बताया कि शिवम के चुने जाने से हम लोग काफी खुश हैं। लखनऊ सुपर जाइंट्स ने शिवम को टीम में जगह दी है। इस टूर्नामेंट में वह शानदार प्रदर्शन कर खुद को साबित करेगा। आईपीएल में शिवम का उम्दा प्रदर्शन रहा। शिवम के चुने जाने के बाद लगातार उनके पास लोग कॉल कर बधाई दे रहे हैं।

मावी के पास खास हुनर
नोएडा के शिवम मावी ने साल-2018 में भारतीय टीम को अंडर-19 वर्ल्ड कप दिलाने में अहम रोल अदा किया था। उसके बाद आईपीएल में केकेआर टीम के साथ जुड़े। केकेआर के लिए खेलते हुए उन्होंने कई दिग्गजों को पवेलियन को रास्ता दिखाया था। फिर IPL-2023 में शिवम मावी को गुजरात टाइटंस ने 6 करोड़ रुपए की बोली लगाकर खरीदा था। 2023 में भारतीय टीम में उनका चयन हुआ। श्रीलंका के खिलाफ पहले टी-20 मैच में 22 रन देखकर 4 विकेट झटके थे। खास बात यह है कि मावी नई गेंद के अलावा पुरानी गेंद से भी बॉलिंग करने का माद्दा रखते हैं। पिछले कुछ समय से मावी घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन कर शहर की शान बढ़ा चुके हैं।

विपरित परिस्थितियों में खुद को साबित किया
शिवम के पिता पंकज मावी नोएडा प्राधिकरण में सामान्य ठेकेदार थे। साथ ही खेती करते थे। सेक्टर-71 में ईडब्ल्यूएस फ्लैट में उनका परिवार रहता था। डेल स्टेन को आइडल मानने वाले शिवम को कई बार दूसरों के बल्लों से भी खेलना पड़ा, क्योंकि उनके पास अपना बल्ला नहीं था। क्रिकेट ही उनका जुनून था। लिहाजा इसकी परवाह वह नहीं करते थे। पिता की व्यस्तता के कारण कई बार वह सेक्टर-71 से सेक्टर-34 स्थित नोएडा वंडर्स एकेडमी में पैदल ही अभ्यास के लिए चले जाते थे। क्रिकेट करियर में वह कई बार चोटिल हुए, लेकिन हार नहीं मानी। लगातार संघर्ष करते रहे।

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