Noida News : शहर के सेक्टर-41 में स्थित प्रयाग अस्पताल को आपदा में अवसर तलाश करना महंगा पड़ गया है। इलाज में लापरवाही, अधिक बिल वसूलने और रेमडेसिविर इंजेक्शन की ओवरडोज से कोरोना संक्रमित महिला की मौत का जिम्मेदार पाया गया है। मामले में पेन्डिमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी (पीपीजीसी) ने प्रथम दृष्टया जांच के आधार पर प्रयाग अस्पताल प्रबंधन को दोषी करार दिया है। सीएमओ डा.सुनील शर्मा को अस्पताल के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करके 15 दिनों में रिपोर्ट कमेटी को भेजने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक 17 अप्रैल को अभिनव नामक एक व्यक्ति ने पेंडेमिक पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी कमेटी के चेयरमैन सुशील कुमार से प्रयाग अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की। बताया कि उनकी मां मंजू जैन के उपचार में लापरवाही बरती गई और सात लाख रुपये बिल वसूला गया है। अनुभव ने मामले की लिखित शिकायत की थी। अनुभव जैन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए उनकी मां का हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड स्वीकार नहीं किया। गैर कानूनी तरीके से उनसे दो लाख रुपये ऐंठ लिए। पैसे लेने के बाद उनकी मां के लिए छह रेमडेसिविर इंजेक्शन और दो यूनिट प्लाज्मा लाने का दबाव बनाया। कुछ समय बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की संख्या 11 कर दी।
अनुभव जैन का आरोप है कि रेमडेसिविर की ओवरडोज और इलाज में लारपवाही के चलते उनकी मां की मौत हो गई। डाक्टरों ने मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया, लेकिन जब उसने मां को देखा तो उनका शरीर तीन गुना फूला हुआ था। मौत के बाद प्रबंधन ने उन्हें सात लाख रुपये का बिल थमा दिया। मामले में पेन्डिमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी से शिकायत की गई थी। कमेटी ने दोनों पक्षों के बयान और बिलों के आधार पर अस्पताल प्रबंधन को दोषी पाया है। कमेटी ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीएमओ को आदेश दिए हैं।
इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबन्धन का कहना है कि मरीज को 11 रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाए थे। अस्पताल प्रबंधन पर लगे सभी आरोप निराधार हैं। दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सुनील कुमार शर्मा ने कहा, "कमेटी को समय पर कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाएगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"