सांस लेने में आई दिक्कत, लोगों ने पूछा- आखिर कब निकलेगा हल?

नोएडा सुपरटेक केपटाउन में चार महिला लिफ्ट में फंसी : सांस लेने में आई दिक्कत, लोगों ने पूछा- आखिर कब निकलेगा हल?

सांस लेने में आई दिक्कत, लोगों ने पूछा- आखिर कब निकलेगा हल?

Tricity Today | सुपरटेक केपटाउन

  • थाना 113 का मामला
  • आधे घंटे तक फंसी रही लिफ्ट
  • इमरजेंसी बटन दबाया, लेकिन नहीं मिली मदद
  • सोसाइटी के लोगों में रोष
Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाल के दिनों सोसाइटियों में लोगों के लिफ्ट में फंसने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। छोटे बच्चों के साथ-साथ बड़े बुजुर्ग भी चलती लिफ्ट में फंस रहे हैं। ताजा घटना नोएडा के सेक्टर-113 थानाक्षेत्र स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी की है। जहां सोमवार की सुबह करीब 8 बजे चार महिलाएं लिफ्ट में फंस गई। लिफ्ट में फंसी महिलाओं को अंदर सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। फंसी महिलाएं काम करने के लिए सोसायटी पहुंची थीं। इस घटना के बाद सोसाइटी के लोगों में रोष है। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

निवासियों ने लगाया मेंटेनेंस डिपार्टमेंट पर आरोप
सोसायटी के निवासियों ने बताया कि महिला ने कई बार इमरजेंसी बटन दबाया, लेकिन उसको कोई मदद नहीं मिली। महिला घबरा गई और जोर जोर से चिल्लाने लगी। घटना के समय लिफ्ट के पास न तो ऑपरेटर था और न ही पंखे सहित लिफ्ट के भीतर के अन्य उपकरण काम कर रहे थे। लिफ्ट सातवें तले पर करीब 30 मिनट तक फंसी रही। लिफ्ट में अचानक आई खराबी के कारणों की जांच की जा रही है। निवासियों का आरोप है कि मेंटेनेंस डिपार्टमेंट को कई बार शिकायत की गई है लेकिन उसके बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। आए दिन लिफ्ट खराब या बंद हो जाती है। लेकिन सोसाइटी के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट को निवासियों की जिंदगी से कोई मतलब नहीं है।

बढ़ रहे हैं हादसे लेकिन कोई जवाबदेह नहीं
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद हाइराइज इमारतों वाले शहर हैं। इन शहरों की ज्यादातर आबादी इन इमारतों में रह रही है। लाखों लोगों को हर वक्त लिफ्ट के सहारे रहना पड़ता है। ऐसे में लगातार हो रहे हादसों से लोग डरे हुए हैं। पिछले दिनों बच्चों के लिफ्ट में फंसने की कई घटनाएं सामने आई हैं। यह घटनाएं लगातार हो रही हैं। परेशानी की असली वजह इनका प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं होना है। दरअसल, सोसायटियों में लिफ्ट के रखरखाव की जिम्मेदारी किस पर है, लिफ्ट में हादसा हो तो उसे किसकी गलती मानी जाए और किस पर कार्रवाई की जाए, यह तय नहीं है। यह तभी संभव होगा जब लिफ्ट एक्ट बनेगा।

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