Noida News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने जिले में पेड़ों की कटाई करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस सेक्टर-104 में एटीएस वन हैमलेट (ATS Forest Hamlet) के पास ग्रीन बेल्ट पर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नोएडा प्राधिकरण और महर्षि महेश योगी आश्रम ट्रस्ट (Maharishi Mahesh Yogi Ashram Trust) को नोटिस जारी किया है। सोसाइटी की एओए ने आरोप लगाया कि डेवलपर ने ग्रीन बेल्ट के रूप में जमीन पर निर्माण शुरू कर वहां के कई पेड़ो को काट दिया था। पेंशन भी फाइल की गई।
फाइल पेंशन में कहा
फाइल पेंशन में कहा गया है कि महर्षि ट्रस्ट की जमीन पिछले कुछ सालों में हरित क्षेत्र बन गई है और कई पेड़ों और पक्षियों का घर बन गई है। इसके विनाश से स्थानीय पारिस्थितिकी को नुकसान होगा और स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा हो सकते हैं। पेंशन में लिखा है कि कुछ दिनों से, हमने देखा कि महर्षि आश्रम के अंदर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही थी। ऐसा लगता है कि आवासीय भूखंडों के लिए हरित पट्टी को साफ़ किया जा रहा है क्योंकि हमने पाया है कि इस क्षेत्र पर भूखंड बना दिये गए है जिन्हें धड़ल्ले से बेचे जा रहा है।
नोएडा मास्टर प्लान में के हिसाब से
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि उनके पास एक विक्रय विलेख है, जो दर्शाता है कि कुछ भूखंड पहले ही बेचे जा चुके हैं। नोएडा मास्टर प्लान के अनुसार, ग्रीन बेल्ट के रूप में निर्धारित क्षेत्र में पूर्ण विकसित पेड़ों को काटकर कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 की धारा 4 भी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाती है। गुरुवार को डीएम मनीष वर्मा ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम पद बातों का रखता है ख्याल
ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम के तहत 10 राज्यों में 500 से अधिक भूमि भूखंडों को वृक्षारोपण के लिए मंजूरी दी गई। इस पहल में विभिन्न हितधारकों, जैव विविधता पर जोर और संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से वन पुनर्जनन, पारिस्थितिकी तंत्र लाभ और हरित क्रेडिट मैनेज किया जाता है।