नोएडा में रुद्राक्ष के लिए हुई पंचायत, लोगों ने सरकार को दी चेतावनी, दिल्ली के एनजीओ ने बताया फर्जीवाड़ा, पुलिस कमिश्नर और सीबीआई से शिकायत

असमंजस : नोएडा में रुद्राक्ष के लिए हुई पंचायत, लोगों ने सरकार को दी चेतावनी, दिल्ली के एनजीओ ने बताया फर्जीवाड़ा, पुलिस कमिश्नर और सीबीआई से शिकायत

नोएडा में रुद्राक्ष के लिए हुई पंचायत, लोगों ने सरकार को दी चेतावनी, दिल्ली के एनजीओ ने बताया फर्जीवाड़ा, पुलिस कमिश्नर और सीबीआई से शिकायत

Tricity Today | रुद्राक्ष बैसोया

नोएडा में स्पाइनल मस्क्युलर एस्ट्रोफी-2 से पीड़ित बरौला गांव के निवासी तीन वर्षीय रुद्राक्ष को लेकर असमंजस पैदा हो गया है। बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए शुक्रवार को हरौला गांव में पंचायत की गई है। पंचायत में दिल्ली-एनसीआर कई शहरों और गांवों के लोगों ने हिस्सा लिया है। लोगों ने रुद्राक्ष का उपचार करवाने के लिए सरकार से अपील की है। लोगों ने कहा कि अगर सरकार ने रुद्राक्ष के उपचार का इंतजाम नहीं किया तो रोड जाम किया जाएगा। गांवों में वोट मांगने आने वाले नेताओं को घुसने नहीं देने की बात कही है। पंचायत के बाद लोग शहर से सहयोग राशि एकत्र करने के लिए भी रवाना हुए हैं। दूसरी ओर एक एनजीओ ने इस अभियान को फर्जीवाड़ा करार दिया है। मामले की शिकायत नोएडा के पुलिस आयुक्त, सीबीआई और गृह मंत्रालय से की गई है।

पंचायत में नोएडा के बरौला, निठारी, हरौला, मोरना, होशियारपुर, सर्फाबाद गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। गाजियाबाद और बागपत से भी लोगों ने हिस्सा लिया है। इस लोगों ने अपने-अपने गांवों से बच्चे के लिए आर्थिक सहयोग दिलाने का आश्वासन परिवार को दिया है। रुद्राक्ष के पिता कपिल बैसोया ने बताया कि जून में 18 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है। 'क्राउड फंडिंग' से वह अब तक एक करोड़ से अधिक रुपये जमा कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बेटे के इलाज के लिए गौतमबुद्ध नगर समेत आसपास के राजनेताओं से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। बेटे की जिंदगी बचाने के लिए वह गांव-गांव झोली फैलाएंगे। वह मामूली चालक हैं। इलाज के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रबंध करना उनके लिए असंभव है। इस दौरान पंचायत में कमल तंवर, अमित तंवर, मनीष भाटी, गौरव भाटी, अर्जुन भाटी, अमित, सागर सिंह, रोहित शर्मा, अनिल राजपूत, देवराज चौधरी, दिनेश गुप्ता, चमनपाल सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

दूसरी ओर दिल्ली की चांदनी चौक निवासी एक महिला ने रुद्राक्ष के परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बच्चे को मोहरा बनाकर गांव-गांव अवैध उगाही की जा रही है। उन्होंने ट्वीट के जरिये कहा कि दिल्ली के एम्स अस्पताल में इस बीमारी का निशुल्क उपचार होता है। किसी भी डॉक्टर ने यह लिखकर नहीं दिया कि बच्चे को 18 करोड़ का इंजेक्शन लगना है। उन्होंने नोएडा के पुलिस कमिश्नर, सीबीआई और गृह मंत्रालय से शिकायत की है। रुद्राक्ष के पिता कपिल बैसोया ने महिला के आरोप को निराधार बताया। इनका कहना है कि महिला उन पर रुपये देने के लिए दबाव बना रही है।

ट्राईसिटी टुडे ने रुद्राक्ष की मदद करने के लिए गुरुवार को समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद कई लोग परिवार को आर्थिक मदद देने पहुंचे थे। यही समाचार पढ़कर एनजीओ की पदाधिकारी शिखा जैन ने सम्पर्क किया। उनका दावा है कि उनकी संस्था नीति आयोग से पंजीकृत है। कुछ दिनों पहले वह रुद्राक्ष के परिवार से मिलने दिल्ली से नोएडा गई थीं। बच्चा स्पाइनल मस्क्युलर डिस्ट्राफी-2 से पीड़ित है। इस बीमारी के संबंध में उन्होंने बेंगलुरु के एक चिकित्सक से बात की। वह इस बीमारी के विशेषज्ञ हैं। पता चला कि इस बीमारी के लिए 18 करोड़ का कोई इंजेक्शन नहीं आता है। बच्चे के पिता यह नहीं बता रहे हैं कि उन्हें किस डाक्टर ने 18 करोड़ का खर्च आने की बात कही है और इंजेक्शन लगाने को कहा है। वह बच्चे का उपचार कहां करवाएंगे। शिखा जैन ने कहा, अब तक एक करोड़ रुपये से ज्यादा फंड जुटा चुके है, लेकिन बच्चे को अस्पताल में भर्ती नहीं कर रहे हैं। लोगों को गुमराह करके उनसे रुपये वसूल रहे हैं। जब एम्स और बंगलूरू के डॉक्टर बच्चे का उपचार करना चाहते हैं तो 18 करोड़ रुपये एकत्र करने की क्या जरूरत है। 

शिखा जैन ने नोएडा पुलिस, सीबीआई और गृह मंत्रालय में शिकायत की है। इस पूरे प्रकरण में जांच की मांग की है। दूसरी ओर नोएडा के पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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