Noida News : कानपुर पुलिस विभाग को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक कोतवाल और चौकी इंचार्ज पर चोरी के माल को हड़पने का गंभीर आरोप लगा है। पड़ताल में पता चला है कि एक चोर की गिरफ्तारी के दौरान बरामद किए गए लाखों रुपये के सोने को देखकर इन पुलिस अधिकारियों की नीयत डगमगा गई। आरोपी कोतवाल नोएडा में तैनाती के समय भी काफी विवादित रहा था। इस कोतवाल ने फर्जी एनकाउंटर में युवक को गोली मार दी थी।
क्या है पूरा मामला
कानपुर पुलिस के मुताबिक, कुछ महीने पूर्व शहर की एक कोतवाली क्षेत्र से हुई चोरी में अपराधी ने भारी मात्रा में सोने के आभूषण और नकदी की चोरी की थी। मामले में नया मोड़ तब आया जब अपराधी दूसरी कोतवाली क्षेत्र में एक के हत्थे चढ़ गया। चोर से बरामद भारी मात्रा में सोने को देखकर चौकी इंचार्ज ने अपने कोतवाल से मिलकर इस माल को आपस में बांटने की योजना बनाई और चोर को रिहा कर दिया। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब वही चोर उस कोतवाल के हाथ लगा, जिसके क्षेत्र में उसने चोरी की थी। पूछताछ के दौरान चोर ने पुलिस अधिकारियों की करतूत का पूरा खुलासा कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल सूचित किया गया। इस मामले में एसओ रेलबाजार विजय दर्शन शर्मा, ट्रेनी एसआई नवीन श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी और हेड कांस्टेबल आमिल हाफिज को सस्पेंड कर दिया।
गांव में छिपा रखा था माल
विशेष जानकारी के अनुसार चौकी इंचार्ज ने चोरी के माल को अपने गांव में छिपा रखा था। लेकिन जब मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो उन्हें तत्काल गांव से सारा माल वापस लाना पड़ा। वर्तमान में दोनों पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। चोरी का सारा माल बरामद कर लिया गया है और मुख्य आरोपी चोर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
नोएडा में किया था फर्जी एनकाउंटर
घटना शनिवार देर रात की थी। स्कॉर्पियो में मौजूद चश्मदीद सुनील ने बताया कि एसआई विजय दर्शन की अगुआई में पुलिस टीम ने उन्हें बंधक बना लिया था। जितेंद्र ने खुद को बेकसूर बताया तो इस पर एसआई ने कहा कि तुम लोग बदमाश हो और आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए तुम्हारा एनकाउंटर करना है। जितेंद्र ने विरोध किया तो उसे गले में गोली मार दी। इसके बाद वे गाड़ी से हमें लेकर पर्थला पुलिस चौकी जाने लगे। कुछ देर बाद विजय दर्शन ने फोन पर किसी अफसर से कहा कि एक का एनकाउंटर हो गया है अब दो और बंदे हैं, इनका क्या करना है? इसके बाद फोन कट गया। इसके बाद वे मुझे और मेरे दूसरे साथी को जंगल की तरफ ले जाने लगे। तभी एसआई ने फिर किसी से फोन पर कहा कि तमंचा लाओ, ताकि एनकाउंटर साबित किया जा सकता।