भंगेल सीएचसी में कमीशनखोरी का खेल, प्रसूताएं भूखी रहने को मजबूर

नोएडा से बड़ी खबर : भंगेल सीएचसी में कमीशनखोरी का खेल, प्रसूताएं भूखी रहने को मजबूर

भंगेल सीएचसी में कमीशनखोरी का खेल, प्रसूताएं भूखी रहने को मजबूर

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Noida News : नोएडा के सेक्टर-110 स्थित भंगेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कथित कमीशनखोरी के चलते प्रसूताओं को भूखा रहना पड़ रहा है। सीएचसी अधीक्षक और प्रेरणा कैंटीन संचालक एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। सीएचसी अधीक्षक ने कैंटीन संचालक पर प्रसूताओं को खाना न देने का आरोप लगाया है। कैंटीन संचालक ने अधीक्षक पर बिजली-पानी कटवाने और कमीशन मांगने का आरोप लगाया है। दोनों पक्षों ने जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ से शिकायत की है। प्रसूताओं को नियमित और पौष्टिक आहार नहीं मिल पा रहा है।

प्रेरणा कैंटीन पर खाना न देने का आरोप
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित प्रेरणा कैंटीन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सीएचसी अधीक्षक यतेंद्र सिंह का कहना है कि कैंटीन संचालिका पूनम चौहान शनिवार दोपहर से सोमवार सुबह तक कैंटीन बंद रखती हैं, जिससे प्रसूताओं को परेशानी होती है। वहीं, कैंटीन संचालिका के पति सुमित चौहान का आरोप है कि अधीक्षक फर्जी बिल बनाने और कमीशन देने का दबाव बनाते हैं। आपको बता दें कि भंगेल सीएचसी में सबसे ज्यादा महिला पेशेंट पहुंचती है। इस सीएचसी में हर महीने 250 से ज्यादा डिलीवरी होती हैं। 

प्रभावित मरीजों की प्रतिक्रिया
- सर्वेश (शाहदरा): "मेरी पत्नी को प्रसव के बाद कुछ खाने को नहीं दिया गया।"
- मंतजिम (गेझा गांव): "बच्ची के जन्म के तीन घंटे बाद भी कुछ नहीं मिला।"
- कुसम (नोएडा): "बेटी के प्रसव के बाद कैंटीन से कोई खाना नहीं मिला।"

मां और बच्चे की जिंदगी का सवाल
प्रसूताओं को समय पर पौष्टिक आहार मिलना बेहद जरूरी है। विभाग को तत्काल हस्तक्षेप कर इस विवाद का निपटारा करना चाहिए।" इस विवाद के चलते प्रसूताओं और मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। दोनों पक्षों के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि अस्पताल की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। यह मामला प्रसव पीड़ा को सहने के बाद एक मां और बच्चे की जिंदगी का सवाल है।

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