Noida News : नोएडा-दिल्ली समेत पूर एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में थोड़ा सुधार देखा जा रहा है। यही वजह है कि शनिवार को हवा की गुणवत्ता (Air Quality) गंभीर श्रेणी में कुछ सुधार हो गया। लेकिन, इसके बाद भी यहां की आबोहवा एक्यूआई 398 के साथ बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) Central Pollution Control Board (CPCB) के अनुसार, अगले छह दिनों तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी। शनिवार की सुबह मुंडका में 364, बवाना में 371, पंजाबी बाग में 331 (Air Quality Index)AQI एक्यूआई दर्ज किया गया। इसी वजह से रविवार की सुबह हल्की तेज हवा चलने से कोहरे और स्मॉग में भी कमी देखने को मिली है।
सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा तापमान
हवा शांत होने के कारण शनिवार को तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। इस वजह से सुबह के वक्त में ठंडक कम रही और दिन में मौसम में गर्माहट रही। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह सात बजे से आठ बजे के बीच हल्का कोहरा होने के कारण पालम व सफदरजंग में दृश्यता 500 मीटर रही। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को आकाश साफ रहेगा। सुबह में हल्का कोहरा होगा। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
विभिन्न शहरों में शाम का AQI
दिल्ली : 319
नोएडा : 265
ग्रेटर नोएडा : 228
गाजियाबाद : 276
गुरुग्राम : 322
फरीदाबाद : 309
मेरठ : 276
बुलंदशहर : 196
बागपत : 325
हापुड़ : 181
गुरुग्राम सबसे अधिक प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह मुंडका में 364, बवाना में 371, पंजाबी बाग में 331 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं, जहांगीरपुरी में 358, आनंद विहार में 336, वजीरपुर में 348, नरेला में 341, आरकेपुरम में 319 एक्यूआई दर्ज किया गया है। यमुना नदी की सतह पर जहरीला झाग तैर रहा है। शनिवार की शाम को एक्यूआई 319 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी है। शुक्रवार के मुकाबले 86 सूचकांक की कमी आई। साथ ही, एनसीआर में गुरुग्राम सबसे अधिक प्रदूषित रहा। दिल्ली की हवा समग्र रूप से बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। विशेषज्ञों का अनुमान है कि हवा की गति तेज होगी तो एक्यूआई में और कमी देखने को मिल सकती है।
प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत
दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर द्वारा संचालित आर-आसमान पोर्टल के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत, पराली, लकड़ी की पत्तियों जैसे बायोमास जलाने के कारण होने वाले धुएं की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत, सेकेंडरी एरोसोल की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत, कोल एवं फ्लाई ऐश की हिस्सेदारी चार प्रतिशत और अन्य की हिस्सेदारी सात प्रतिशत रही।