Noida News: विद्युत निगम के इंजीनियरों द्वारा किए गए अस्थायी कनेक्शन के नाम पर घोटाले का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। अधिकारी मामले की बढ़ती गंभीरता को देखते हुए और उधर, उपभोक्ता परिषद की मांग के बाद 5 जिलों मैं जांच की टीम बना दी है। यह जांच टीम किसी भी दिन कोई से भी कार्यालय में जाकर उसके दस्तावेज की तलाशी ले सकती है। अधिकारियों और उधर, उपभोक्ता परिषद को जानकारी सौंपकर घोटाले में शामिल अधिकारियों की संपत्ति की जांच करने और उनकी संपत्ति से ही घोटाले की रकम वसूली की मांग करी है।
इंजीनियरो की ओर से ग्रेटर नोएडा और जेवर समेत कई डिविजन में अस्थायी कनेक्शन के नाम पर घोटाले किए गए थे। मामले में बिल्डरों को 2-2 किलो वाट कनेक्शन दिए थे। लेकिन जब मौके पर जाकर देखा तो 50 किलोवाट के बाहर वाला कनेक्शन चलता पाया गया था। यही नहीं कई जगह पर तो बिना मीटर के अस्थायी कनेक्शन चलते हुए मिले और कुछ का रिकॉर्ड ही गायब था। इस पूरे मामले को पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने बहुत ही गंभीरता से लिया था। इस मामले में 23 इंजीनियरों के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर उनका तबादला कर दिया गया।
अब अधिकारियों ने गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर और मुरादाबाद आदि जिलों में जांच की अनुमति दी है। अफसरों के मुताबिक जांच कमेटी का चयन किया जा सकता है। बहुत जल्द हर जिलो में जांच के लिए टीम पहुंचेगी।
उधर, उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष को जानकारी देते हुए मांग करी है कि सभी जिलों में हुए धांधली की जांच कराई जाए। अस्थायी कनेक्शन में 200 करोड़ से भी अधिक का घोटाला पाया जाएगा। उन्होंने कहा इंजीनियरों की संपत्ति से विद्युत निगम को हुए नुकसान की भरपाई करी जाए। और उन सभी इंजीनियरों की संपत्ति की भी जांच कराई जाए।
अध्यक्ष ने बताया कि यह घोटाला कई सौ करोड़ का है। इसकी भरपाई उपभोक्ताओं से करने की बजाय आरोपी इंजीनियरों से की जाए। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता से जांच करी जा रही है। और इस मामले से जुड़े सभी फाइलों के गायब होने की भी जांच-पड़ताल चल रही है। जांच अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच-पड़ताल कर रहे हैं।