Tricity Today | आमने-सामने आते ही भावुक हुए सुहास और ऋतु,
Tokyo Paralympics 2020 : टोक्यो पैरा ओलंपिक में शानदार उपलब्धि हासिल करके गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई सोमवार की शाम वापस लौट आए हैं। सुहास एलवाई को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लेने पत्नी ऋतु सुहास पहुंचीं। जब दोनों एक दूसरे के आमने-सामने आए तो भावुक हो गए। ऋतु और सुहास की आंखों में आंसू छलक आए। ऋतु ने सुहास एलवाई के गले में माला डालकर बधाई दी। सुहास ने ऋतु के हाथ बड़ी शिद्दत से थाम लिए। दोनों के चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती है। साथ ही आंखों में छलक आए आंसू भी साफ-साफ नजर आ रहे थे।
ऋतु सुहास उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की तेजतर्रार अफसर हैं। फिलहाल गाजियाबाद में बतौर अपर जिलाधिकारी प्रशासन तैनात हैं। इससे पहले वे लखनऊ विकास प्राधिकरण की सचिव थीं। वहां उन्होंने मुख्तार अंसारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। ऋतु मूलरूप से उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और सुहास एलवाई कर्नाटक के मूल निवासी हैं। उत्तर प्रदेश कैडर में तैनाती मिलने के बाद सुहास एलवाई और ऋतु शर्मा ने शादी की। अब दोनों के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। ऋतु सुहास भी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वह उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग का प्रमोशन करने के लिए मॉडलिंग करती हैं। इतना ही नहीं वह मिसेज इंडिया-2019 भी रह चुकी हैं। ऋतु और सुहास की जोड़ी उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक हलके में काफी लोकप्रिय जोड़ी है।
मैच के दौरान करती थी भगवान का जाप : ऋतु सुहास
सुहास एलवाई की पत्नी और गाजियाबाद की एडीएम पद पर तैनात ऋतु सुहास ने खुशी जताई है। ऋतु सुहास में बताया कि "यह बेहद गौरव का पल है। सुहास पिछले 8 साल से तैयारी कर रहे थे। टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए पदक जीतना उनका सपना था। पूरे देश को आज उन पर गर्व है कि कैसे अपने काम के साथ-साथ बैडमिंटन की भी तैयारी करते रहे। ऋतु सुहास ने बताया कि "सुहास रोजाना लगभग 4 घंटे प्रैक्टिस करते थे, वो मैच के दौरान भगवान का जाप करती है।"
टोक्यो में अपने पति को जगाने के लिए 2 बजे उठने से लेकर दुनियाभर से बधाई संदेश प्राप्त करने तक ऋतु सुहास सहयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा, "ये मेरे लिए जीवन भर की यादें होंगी। हमें उन पर बहुत गर्व है। उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह हम सभी के लिए एक जीवंत उदाहरण है। यह एक असंभव प्रयास था।" ऋतु आगे कहती हैं, "जीत और हार जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। पदकों की दौड़ अंतहीन है। आज चाँदी है, कल सोना है। लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की, वह मुझे हमेशा याद रहेगी। सबसे बड़ी उपलब्धि विश्व टूर्नामेंट में भाग लेना और लंबे समय से देखे गए सपने को साकार करना है।"
ऋतु ने कहा, "विश्व पटल पर भारत और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करना ही उपलब्धि है।" सुहास और ऋतु की शादी वर्ष 2008 में हुई थी। उनकी एक बेटी और एक बेटा हैं। ऋतु ने कहा, "सोशल मीडिया, फोन कॉल, मैसेज और लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं। इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी। इसलिए यह सब हमारे साथ यादों के रूप में रहने वाला है।मैं आज बहुत खुश हूं।" ऋतु ने याद किया कि कैसे वह यहां 2 बजे उठती थीं और टोक्यो में सुहास को भारतीय और जापान के बीच समय अंतर के कारण जगाती थीं। ताकि यह सुनिश्चित हो कि वह अपने मैचों के लिए तैयार हैं। मैंने हमेशा मैच से पहले और बाद में उनसे बात की।"
रितु ने यह भी कहा कि वह सुहास के मैच लाइव नहीं देखती हैं, क्योंकि ऐसा करने से वह चिंतित हो जाती हैं। वह कहती हैं, "मैं उनके मैचों के दौरान बहुत चिंतित हो जाती हूं। इसलिए मैं उन्हें नहीं देखती। वह मुझे हर मैच के बाद फोन करते हैं और परिणाम के बारे बताते हैं।" फ्रांस के शीर्ष वरीयता प्राप्त लुकास मजूर के साथ सुहास के फाइनल से पहले रितु ने कहा कि उनके पति सामान्य थे और बिना किसी दबाव के खेलने के लिए तैयार थे। वह दबाव लेने में विश्वास नहीं करते। वह खुले दिमाग से खेलते हैं। उन्होंने कहा' "सेमीफाइनल की जीत के बाद सुहास वास्तव में उत्साहित थे और मैंने उनसे यह भी कहा कि अब एक पदक निश्चित है।"
कर्नाटक के शिवमोग्गा में सुहास के पैतृक गांव लालिनाकेरे में भी उनकी जीत का जश्न मनाया जा रहा है। लोग मिठाई के डिब्बे लेकर सड़कों पर निकल आए और मिलने वालों को बांटने लगे। ऐसा ही नजारा शिवमोग्गा कस्बे में भी देखने को मिला। मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने ट्वीट किया, "हमें दोगुना गर्व है कि कर्नाटक में पैदा हुए एक आईएएस अधिकारी ने सेवा और खेल दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमारे युवाओं के लिए एक उदाहरण स्थापित किया।" पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी सुहास को बधाई दी। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुहास को फोन करके बधाई दी।
ऋतु ने इस बातचीत के आखिर में कहा, "सुहास पिछले सात साल से बैडमिंटन खेल रहे हैं और उन्होंने अपने खेल में सुधार के लिए काफी मेहनत की है।" आज सुहास एलवाई टोक्यो से वापस लौट आए हैं। पूरा नोएडा शहर और गौतमबुद्ध नगर जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। लोगों ने डीएनडी पर उनका भव्य स्वागत किया है।