Noida News : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह पर अरबों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने यादव सिंह को बड़ी राहत दी है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए यादव सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा। अब मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
CBI जवाब करेगी दाखिल
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने कहा कि सीबीआई द्वारा मामले में पूरक आरोप पत्र दायर करने के बाद उनके मुवक्किल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। है। उन्होंने याचिकाकर्ता सिंह की गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की। वरिष्ठ वकील कौल की दलीलों पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। पीठ ने यादव सिंह की याचिका को चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यादव सिंह पर नहीं होगी कार्रवाई
भ्रष्टाचार मामले में आरोपी सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कौल ने पीठ को बताया कि तीन साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उनके मुवक्किल को जमानत दे दी थी। उन्होंने पीठ से कहा कि मामले में नयी पूरक आरोपपत्र दाखिल होने के बाद नये सिरे से गिरफ्तारी की संभावना है। मामले में सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक याचिकाकर्ता सिंह के खिलाफ किसी भी तरह की कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2019 में यादव सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया था।
यह है पूरा मामला
भ्रष्टाचार के इस मामले में सिंह पर दिसंबर 2011 में कथित तौर पर 954 करोड़ रुपये के 1280 रखरखाव ठेकों का काम केवल आठ दिनों में कराने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने जनवरी 2012 में सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था।