57 बिल्डरों की रिपोर्ट तैयार, इस तरह होगा परेशानी का हल

नोएडा के ढाई लाख फ्लैट खरीदारों के लिए 6 जनवरी है खास : 57 बिल्डरों की रिपोर्ट तैयार, इस तरह होगा परेशानी का हल

57 बिल्डरों की रिपोर्ट तैयार, इस तरह होगा परेशानी का हल

TricityToday | नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम.

Noida News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अटकी आवासीय परियोजनाओं के करीब ढाई लाख फ़्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। प्राधिकरण ने 57 बिल्डरों की आवासीय परियोजनाओं का थर्ड पार्टी असेसमेंट करवा लिया है। इसके जरिए पता लगाया जा सकता है कि कितना काम पूरा हो चुका है और कितना अधूरा है। बकाया काम पूरा करने में कितना वक़्त लगेगा और इसके बदले में प्राधिकरण बिल्डर को क्या-क्या रियायत देगा। अब इस समस्या का समाधान करने के लिए 5 जनवरी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसर बैठक करेंगे। इसके बाद 6 जनवरी को सभी 57 बिल्डरों के साथ एक-एक करके बैठक होगी। जिसमें एजेंसी की रिपोर्ट और बिल्डरों की ओर से मिलने वाली जानकारियों का तुलनात्मक आंकलन किया जाएगा। यह बैठक चेयरमैन की अध्यक्षता में होगी।

अथॉरिटी ने 57 बिल्डरों की रिपोर्ट तैयार कराई
नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम. ने बताया कि अमिताभ कांत समिति की सिफ़ारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने बिल्डरों को रियायत देने का फ़ैसला किया है। राज्य सरकार के फ़ैसले को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्राधिकरण एक एजेंसी से एसेसमेंट करवा रहा है। सभी 57 बिल्डरों के अटके प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार की गई है। सीईओ ने बताया कि इस रिपोर्ट में परियोजना की मौजूदा स्थिति, अब तक पूरे हुए और बकाया निर्माण की स्थिति की जानकारी है। उन्होंने कहा, 'पहले हम लोग 5 जनवरी को अपनी रिपोर्ट्स को लेकर बैठक करेंगे। इसके बाद ग्रेटर नोएडा में 6 जनवरी को बिल्डरों के साथ बैठक होगी। बिल्डर भी अपनी रिपोर्ट देंगे। बिल्डरों के तथ्यों और एजेंसी की रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। बिल्डर अपनी आगे की कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। उन्हें बताया जाएगा कि राज्य सरकार के फ़ैसले के मुताबिक, क्या-क्या रियायतें दी जा रही हैं। रियायतों के बाद प्राधिकरण के बकाया भुगतान का प्लान बिल्डरों को बताना होगा।'

अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें मंजूर
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 31 मार्च 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है। 

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी 
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.