नोएडा में 3 कम्पनियां 16 हजार नौकरियां देंगी, कर रहीं हैं 33 अरब के निवेश

दिल्ली-एनसीआर में फिनटेक पेशेवरों के लिए बड़ी खबर : नोएडा में 3 कम्पनियां 16 हजार नौकरियां देंगी, कर रहीं हैं 33 अरब के निवेश

नोएडा में 3 कम्पनियां 16 हजार नौकरियां देंगी, कर रहीं हैं 33 अरब के निवेश

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

  • इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग अब के बाद नोएडा आईं बड़ी फिनटेक कंपनियां
  • देश और दुनिया की तमाम कंपनियां नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बना रही डाटा सेंटर
  • तीन फिनटेक कंपनियों ने यूपी गवर्नमेंट को भेजे हैं अपने इन्वेस्टमेंट प्रपोजल
  • कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को बहुत जल्दी योगी कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी
Lucknow | Noida : नोएडा की उपलब्धियों की फेहरिस्त में एक और खिताब जुड़ गया है। पिछले एक दशक के दौरान देशभर में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफैक्चरिंग कंपनियां नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आई हैं। गौतमबुद्ध नगर देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर हब बन रहा है। तमाम देशी और विदेशी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर विकसित कर रही हैं। डेटा सेंटर का हब बनने बनने के बाद नोएडा फिनटेक (फाइनैंशल सेक्टर की टेक्नॉलजी आधारित कंपनियां) और आईटी कंपनियों की पसंद भी बनता जा रहा है। तीन बड़ी फिनटेक कंपनियां अरबों रुपये का निवेश जिले में करेंगी।

नोएडा में यह तीन बड़ी फिनटेक कंपनियां करेंगी निवेश
नोएडा में पेटीएम, माइक्रोसॉफ्ट और अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी एमएक्यू निवेश करेंगी। उत्तर प्रदेश सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक यह तीनों फिनटेक कंपनियां 3,350 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इस इन्वेस्टमेंट की बदौलत 16,000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने वाले हैं। यूपी के आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को तीनों कंपनियों की तरफ से निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं।

कंपनियों के निवेश प्रस्ताव कैबिनेट को मंजूरी के लिए जाएंगे
आईटी डिपार्टमेंट के एक अफसर ने बताया कि इन तीनों कंपनियों के निवेश प्रस्तावों का अध्ययन कर लिया गया है। अब प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। दरअसल, कंपनियों ने उत्तर प्रदेश सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत रियायतें मांगी हैं। कंपनियों को दी जाने वाली रियायतों को कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी।

पेटीएम करेगी 650 करोड़ रुपये का निवेश
भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनी पेटीएम का मुख्यालय नोएडा में है। यह उत्तर प्रदेश के चुनिंदा यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में शामिल है। अब पेटीएम ने नोएडा में 650 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। इस निवेश के जरिए कंपनी पूरे भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की तैयारी कर रही है। वित्तीय सेवाओं को विस्तार देने के लिए कम्पनी नए सॉफ्टवेयर डेवलप कर रही है। पेटीएम इन नए सिस्टम को नोएडा में विकसित करेगी। इसके अलावा कुछ स्टार्टअप्स पर काम किया जाएगा। आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कंपनी दो चरणों में निवेश करेगी। पहले चरण में करीब 3,000 पेशेवरों को नौकरियां मिलेंगी। दूसरा चरण पूरा होने के बाद 3,000 और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

माइक्रोसॉफ्ट 2,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगा
दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट नोएडा में अपनी यूनिट ला रही है। इसके जरिए कंपनी करीब 2,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस यूनिट में सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट के लिए काम किया जाएगा। इससे 3,500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने एशिया के सबसे बड़े रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना नोएडा में करने का 2 साल पहले ऐलान किया था। कंपनी उस प्रोजेक्ट पर समांतर रूप से काम कर रही है। कंपनी को नोएडा अथॉरिटी ने भूमि आवंटन भी कर दिया है। पिछले करीब एक साल से इस भूखंड पर निर्माण गतिविधियां चल रही हैं।

500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी एमएक्यू
अमेरिकी सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी एमएक्यू नोएडा में निवेश करेगी। कंपनी की नोएडा में करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है। कंपनी की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को अपना निवेश प्रस्ताव भेजा गया है। जिसे राज्य सरकार ने मंजूर कर लिया है। कंपनी की ओर से मांगी गई रियायतें देने के लिए यह प्रस्ताव योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में पास किया जाएगा। इसके लिए कंपनी को नोएडा प्राधिकरण ने जमीन आवंटित कर दी है। इस यूनिट में कंपनी सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट का काम करेगी। यूनिट के शुरू होने से पहले चरण में करीब 2,500 और दूसरे चरण में 3,500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के दायरे में भी निवेश होगा
आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इन कंपनियों के अलावा आईटी क्षेत्र की कई और कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के दायरे में निवेश करने के प्रस्ताव दिए हैं। इन प्रस्तावों पर राज्य सरकार जल्द फैसला लेगी। इसमें भारतीय कंपनियों के साथ-साथ कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं।

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