नोएडा के व्यापारियों ने ‘एक देश-एक चुनाव’ की मांग का किया समर्थन, बोले- भारत में इसकी बहुत जरूरत

बड़ी खबर : नोएडा के व्यापारियों ने ‘एक देश-एक चुनाव’ की मांग का किया समर्थन, बोले- भारत में इसकी बहुत जरूरत

नोएडा के व्यापारियों ने ‘एक देश-एक चुनाव’ की मांग का किया समर्थन, बोले- भारत में इसकी बहुत जरूरत

Tricity Today | उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नोएडा के अध्यक्ष नरेश कुच्छल

Noida News : उत्तरप्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नोएडा के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने ‘एक देश एक चुनाव’ की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव बिल को लागू करने की भारत में बहुत जरूरत है। इससे मतदान प्रतिशत में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही नागरिकों को हर साल मतदान केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि देश में सिर्फ एक बार चुनाव होने से सरकारी कर्मचारियों व सुरक्षाबलों को राहत मिलेगी। इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और हमारा देश विश्व की आर्थिक महाशक्तियों में शामिल हो जाएगा। इसके लिए सभी राजनैतिक पार्टियों को इस बिल के समर्थन में आगे आना चाहिए।

आजादी के ठीक बाद एक साथ हुए थे चुनाव 
नरेश कुच्छल ने बताया कि आजादी के ठीक बाद, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव एक साथ आयोजित किए गए। यह 1952, 1957, 1962 और 1967 के चुनावों के लिए सही था। लेकिन इसे बंद कर दिया गया, क्योंकि 1968-69 में कुछ राज्य विधानसभाओं को विभिन्न कारणों से पहले ही भंग कर दिया गया था। वर्तमान में, राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग आयोजित किए जाते हैं। वह तब होता है जब वर्तमान सरकार का पांच साल का कार्यकाल या तो समाप्त होता है या जब भी विधायिका भंग होती है। विधान सभाओं और लोकसभा की शर्तें एक दूसरे के साथ सिंक्रनाइज़ हो सकती हैं या नहीं भी हो सकती हैं।

'एक देश एक कर' के बाद यह भी जरूरी 
नरेश कुच्छल ने कहा कि देश में एक व्यापक चुनाव सुधार अभियान चलाने की आवश्यकता है। इसके तहत जनप्रतिनिधित्व कानून में सुधार, कालेधन  पर रोक, राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर रोक, लोगों में राजनीतिक जागरूकता पैदा करना शामिल है जिससे समावेशी लोकतंत्र की स्थापना की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि देश में 'एक देश एक कर' यानी जीएसटी लागू हो सकता है तो एक देश एक चुनाव क्यों नहीं हो सकता? अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल खुले मन से इस मुद्दे पर बहस करें ताकि इसे अमलीजामा पहनाया जा सके।

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