ट्रैफिक जाम बन रहा हाईपरटेंशन और डायबिटीज की वजह

नोएडा वालों ध्यान से पढ़िए यह खबर : ट्रैफिक जाम बन रहा हाईपरटेंशन और डायबिटीज की वजह

ट्रैफिक जाम बन रहा हाईपरटेंशन और डायबिटीज की वजह

Tricity Today | नि:शुल्क जांच शिविर

  • नोएडा डायबिटिक फोरम ने शहर के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया
  • कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आये जो खांसी की समस्या से पीड़ित हैं
Noida News : हाइटेक सिटी नोएडा में ट्रैफिक जाम और इसके दौरान होने वाला तलाव मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों को न्योता दे रहा है। वहीं इससे होने वाला प्रदूषण गले को प्रभावित कर रहा है। जिसके कारण जो खांसी पहले 4 से 5 दिन में ठीक हो जाती थी, वह अब 3 हफ्ते से 4 हफ्ते तक और कई मामलों में तो 6 हफ्ते तक का भी समय ले रही है। नोएडा की सेक्टर-55 के कम्युनिटी सेंटर में रविवार को नोएडा डायबिटीक फोरम की तरफ से नि:शुल्क जांच शिविर लगाया गया। जिसमें ऐसे कई लोग मिले हैं, जो प्रतिदिन 4 से 5 घंटे का वक्त ट्रैफिक में बिताते हैं।

ट्रैफिक में ज्यादा वक्त बिताने वालों को मिली डायबिटीज
नोएडा डायबिटिक फोरम की ओर से बताया गया है कि जांच में ऐसे लोगों में मधुमेह की पुष्टि हुई है, जो ट्रैफिक में लंबा वक्त बिताते हैं। कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आये जो खांसी की समस्या से पीड़ित थे। सेक्टर -55 में लगाए गए शिविर में डॉक्टरों ने 275 लोगों की ईसीजी, ब्लड ग्लूकोज, लंग्सा टेस्ट्, आंख-कान-गला, यूरिक एसिड, अल्ट्रासाउंड, बॉडी मास इंडेक्स और इको की जांच की हैं।

पोलूशन के कारण लंबे वक्त तक चल रही है खांसी
प्रदूषण का प्रभाव लोगों स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगा है। नाक, कान और गला रोगों के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.एसपी जैन बताते हैं, "कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आये जो खांसी की समस्या से पीड़ित हैं। यह खांसी 99% तक सूखी खांसी है और 1% बलगम वाली खांसी है। सूखी खांसी फेफड़ों पर असर नहीं कर रही है। फेफड़ों से ऊपर श्वास नली है, उसके अंदर पोलूशन बैठ रहा है। उसकी वजह से रोगी को बार-बार धसका का उठता है। इचिंग होती है। उसके बाद सांस फूलने लगता है। यह जैसे ही रोगी बेड पर लेटता है, उसकी खांसी बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में एंटी एलर्जी टैबलेट न्यू एलाइजर और भाप का इस्तेमाल करने से इस पर कंट्रोल पाया जा सकता है।

अब 15 साल से कम उम्र के बच्चों में भी टाइप टू डायबिटीज
नोएडा डायबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ.जीसी वैष्णव ने बताया, "पहले टाइप-टू डायबिटीज 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों को होती थी। लेकिन, अब 15 साल से कम उम्र के बच्चों में भी यह पाई जा रही है। डॉक्टर वैष्णव ने कहा कि प्रदूषण का प्रभाव भी डायबिटीज रोग पर दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि नोएडा डायबिटिक फोरम अपनी स्थापना के बाद से लगातार प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को निशुल्क जांच शिविर लगा रहा है। फोरम न सिर्फ लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर रहा है बल्कि उन्हें बेहतर लाइफ जीने के लिए जागरूक कर रहा है। फोरम के महासचिव पंकज जिंदल ने बताया कि लोगों की जांच शहर के प्रमुख अस्पतालों में कार्यरत 20 से ज्यादा डॉक्टरों ने की है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.