ई-साइकिल के नाम पर करोड़ों का कारोबार, अथॉरिटी ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

नोएडा में डॉक स्टेशन बने पार्किंग : ई-साइकिल के नाम पर करोड़ों का कारोबार, अथॉरिटी ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

ई-साइकिल के नाम पर करोड़ों का कारोबार, अथॉरिटी ने नोटिस भेजकर झाड़ा पल्ला

Tricity Today | डॉक स्टेशन बने पार्किंग स्टैंड

Noida News : नोएडा शहर को साफ-सुथरा और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने शहर में 60 से ज्यादा ई-साइकिल डॉकिंग स्टेशनों की स्थापना की थी। लेकिन, यह प्रयास सिर्फ आठ महीनों के भीतर ही नाकाम हो गया। शुरुआत में अथॉरिटी की तरफ से बड़े-बड़े दावे किए गए थे। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। इसकी देखरेख कर रही टर्बन मोबिलिटी कंपनी ने डॉक स्टेशन को पार्किंग में तब्दील कर प्रोजेक्ट पर पानी फेर दिया है। अब ई-साइकिल की जगह वहां कारों, मोटरसाइकिल की पार्किंग और दुकानें नजर आ रहीं हैं। इस कंपनी को कई बार ब्लैक लिस्ट करने को लेकर चर्चाएं चलीं हैं। चर्चाएं यह भी हैं कि कंपनी पर एक्शन की बात कहकर मामले को टरकाया जा रहा है।

पहले चरण में 310 ई-साइकिल
शहर में कुल 620 ई-साइकिल चलाई जानी थी। पहले चरण में 310 ई-साइकिल चलाई गई। सेक्टर-2 एसबीआई बैंक, सेक्टर-3 भूमिगत वाहन पार्किंग, सेक्टर-6 प्राधिकरण कार्यालय, सेक्टर-12 जेड ब्लाक मार्केट, सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-16 ए एपीजे स्कूल, सेक्टर-18 बहुमंजिला पार्किंग, सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन, सेक्टर-20 प्राधिकरण कार्यालय, सेक्टर-21 ए नोएडा स्टेडियम, सेक्टर-25 मार्केट, सेक्टर-29 गंगा शॉपिंग कॉम्पलेक्स, सेक्टर-29 ब्रह्मपुत्र मार्केट, सेक्टर-30 जिला चाइल्ड अस्पताल के साइकिल रखवाकर योजना शुरू की गई। लेकिन, चंद दिनों बाद स्टैंड पर इक्का-दुक्का साइकिल रखकर, बाकी को हटा दिया गया।

स्थिति का मांगा था ब्योरा
इन स्टैंडों पर बिजली के कनेक्शन तक नहीं हैं। दिसंबर 2023 में अथॉरिटी ने कहा था कि अनुबंध के आधार पर प्रोजेक्ट को शुरू करने की समय सीमा ख़त्म हो गई है। नोएडा अथॉरिटी देख-रेख कर रही एजेंसी पर कार्रवाई करने की बजाय नोटिस-नोटिस खेल रही है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी को नोटिस जारी करके कंपनी से संचालन की पूरी स्थिति का ब्योरा मांगा था, जिसमें फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था। लेकिन, कंपनी ने न तो अभी जानकारी दी, और न ही रिपोर्ट से अवगत कराया है।

18 करोड़ की कमाई 
दूसरी तरफ़, कंपनी ने पूरे शहर में होर्डिंग्स लगा दिए हैं। इन पर विज्ञापन देने के इच्छुक लोगों को एक कॉन्टैक्ट नंबर भी दिया गया है। जानकारी के मुताबिक़, इस कम्पनी को इन होर्डिंग्स पर लगने वाले विज्ञापनों से हर महीने कम से कम 18 करोड़ रुपये की कमाई होगी। कुल मिलाकर स्थिति साफ़ है कि शहर का भला हो या ना हो, इस कम्पनी का भला ज़रूर होगा। आपको बता दें, योजना दिसंबर 2021 में किसी संचालन कंपनी के नहीं मिलने की वजह से रुकी हुई थी। कई महीनों से योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्राधिकरण कंपनी के इंतजार में खड़ी रही। आखिर में एजेंसी का चयन हुआ। इस योजना में चार साल से कोई ना कोई अड़ंगा लगा हुआ है।

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