न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे को NH घोषित करने को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, जानिए क्या मिलेगा लाभ 

अच्छी खबर : न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे को NH घोषित करने को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, जानिए क्या मिलेगा लाभ 

न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे को NH घोषित करने को उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव, जानिए क्या मिलेगा लाभ 

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Noida News : न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे (NH) घोषित किए जाने के लिए नोएडा अथॉरिटी की तरफ से प्रदेश सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को भेजा गया है। अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है कि इस एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा दिया जाएगा या नहीं। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को भेजा गया है। इसमें मांग की गई है कि नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर प्रस्तावित इस एक्सप्रेसवे को शासन द्वारा नेशनल हाईवे घोषित किया जाए। जिससे इस परियोजना को क्रियांवित करने के लिए औपचारिताओं को पूरा किया जा सके। 

32 किलोमीटर होगी न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे की लंबाई  
इस एक्सप्रेसवे के बनाए जाने का उद्​देश्य जेवर में चालू होने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से आने-जाने वाले वाहनों को नया मार्ग देना है। 32 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर यमुना पुश्ते के साथ-साथ किया जाएगा। नोएडा और दिल्ली के बार्डर के पास सेक्टर-94 से नोएडा में सेक्टर 150 तक वर्तमान में मार्ग बना है, लेकिन उसकी खराब हालत को देखते हुए पुश्ते के समानांतर नया एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया गया है। 

यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगा मार्ग 
नया एक्सप्रेसवे मौजूदा एक्सप्रेसवे के बाईपास के रूप में कार्य करेगा। यह दिल्ली और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के यात्रियों को नया रूट उपलब्ध कराएगा। ओखला बैराज के पास से शुरू होकर यमुना और हिंडन के बीच से होते हुए इस एक्सप्रेसवे को वर्तमान में संचालित यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। जिससे नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों को भार कम होगा। 

करीब 4000 करोड़ रुपये आएगा खर्च 
न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे के निर्माण में करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगर एनएचएआई (NHAI) द्वारा इसे नेशनल हाइवे का दर्जा दे दिया जाता है, तो निर्माण लागत एनएचएआई द्वारा वहन की जाएगी। इसलिए नोएडा प्राधिकरण बार-बार एनएचएआई के अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें मनाने का प्रयास कर कर रहा है। प्राधिकरण का कहना है कि न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे के लिए जो जमीन उपलब्ध कराई जा रही है, उसकी कीमत कराेड़ों रुपये में है। ऐसे में करीब चार हजार रुपये खर्च कर न्यू नोएडा एक्सप्रेसवे बनाना अभी प्राधिकरण के लिए संभव नहीं है। 

एक्सप्रेसवे के समानांतर किया जाएगा निर्माण 
नोएडा अथॉरिटी का कहना है कि नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट को नई कनेक्टिविटी देने के लिए एनएचएआई को इसके लिए आगे आना चाहिए। इसके लिए प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया था। अब इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को भेजा गया है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार से जल्द ही इस एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा दे दिया जाएगा। जिसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू होगा और नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होगा।

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