देश में छिड़ी एक नई बहस, आईटी कंपनियों के लिए कौन बेहतर, पढ़िए खास खबर

Bangalore VS Noida or Gurugram : देश में छिड़ी एक नई बहस, आईटी कंपनियों के लिए कौन बेहतर, पढ़िए खास खबर

देश में छिड़ी एक नई बहस, आईटी कंपनियों के लिए कौन बेहतर, पढ़िए खास खबर

Google Image | Noida VS Gurugram

Bangalore VS Noida or Gurugram : भारत के "सिलिकान वैली" के नाम से जाने जाने वाले कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु को शानदार मौसम के लिए तो जाना ही जाता है। बल्कि इसके साथ साथ आईटी इंडस्ट्री के हब के रूप में भी इसे पहचान मिली है। परंतु पिछले कुछ दिनों से यह शहर और इसकी खूबसूरती बेहाल पड़ी हुई है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने इस शहर के कई हिस्सों को पानी से भर दिया है। स्थिति इस कदर गंभीर हो गई है कि गाड़ियों के बजाए नाव चलाने को लोग मजबूर हो गए हैं। बेंगलुरु में लोगों को उनके घरों से ट्रैक्टर की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है। और आईटी प्रोफेशनल्स के लिए ऑफिस तक पहुंचने के लिए भी इसी ट्रैक्टर का सहारा लिया जा रहा है। बेंगलुरु के इस हालत की वजह से देश में एक नई बहस छिड़ गई है कि कौन सा शहर आईटी कंपनियों के लिए बेहतर है।

लोगो ने कहा नोएडा और गुरुग्राम बेहतर ऑप्शन
इंटरनेट पर तेजी से बढ़ रहे इस बहस में कई लोगों ने तो बेंगलुरु के सिलीकान वैली कहे जाने पर भी सवाल उठाया है। आपको बता दें कि बेहतरीन आईटी कंपनियों के हब के रूप में बेंगलुरु के बजाय लोगों ने नोएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों का नाम लेना शुरू कर दिया है। और ऐसे शहरों को वह बेहतर विकल्प बता रहे हैं। Appinventiv में हेड ऑफ गवर्नमेंट रिलेशंस ने भी नोएडा का एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इस बहस में हिस्सा लिया और अपनी बात रखी। इंटरनेट पर यह तस्वीर साझा करते हुए वह लिखते हैं कि "मुझे यह जानकर कोई आश्चर्य नहीं होगा कि बेंगलुरु बेस्ड ज्यादातर आईटी कंपनियां जल्द ही नोएडा शिफ्ट हो जाए। बेंगलुरु में बाढ़ की स्थिति है। कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम फेल होने से कई मोर्चे पर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ट्राफिक बड़ी समस्या है। बेसिकली बेंगलुरु का सिर्फ मौसम ही अच्छा है।"

नोएडा भी किसी से कम नहीं
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वो लिखते हैं कि "दूसरी और नोएडा को देखे तो वह तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह शहर बहुत अच्छे से प्रबंधित है। चाहे ट्राफिक के घंटों हो या बारिश या इंफ्रास्ट्रक्चर।" साथ ही उन्होंने अपनी बात में नोएडा में हुए इस बदलाव के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के पिछले 5 साल के कार्यकाल को श्रेय दिया है।

इंटरनेट पर छिड़ी बहस
इंटरनेट पर चल रही है इस बहस में कई अन्य यूजर्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है और अपनी बात रखी है। एक यूजर ने स्टार्टअप्स के लिए गुरुग्राम को बेंगलुरु से बेहतर बता कर बहस को एक नई मोड़ दे दी। यूज़र ने कहा कि "यहां से एयरपोर्ट महज 20 मिनट की दूरी पर है। आसानी से कैब मिल जाते हैं। और बेंगलुरु से तुलना करें तो मेट्रो कनेक्टिविटी काफी बेहतर है। आप कमेंट में लिस्ट में नाम जोड़ सकते हैं। और मुझे बता सकते हैं कि बेंगलुरु क्यों बेहतर है। हालांकि जो भी है मैं वहां नहीं जा रहा।" एक अन्य यूजर ने इस बात पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि बेंगलुरु के साथ किसी अन्य शहर का नाम लेना ही नहीं चाहिए। तथा दूसरे यूजर ने बेंगलुरु का समर्थन करते हुए कहा कि "अब बेंगलुरु में नाव की सुविधा मिल जाती है।"

बेंगुलुरु में हो रहा आईटी और बैंकिंग कंपनियों को घाटा
आपको बता दें कि बेंगलुरु में उत्पन्न हुई स्थिति की वजह से आईटी और बैंकिंग कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि 1 दिन में बेंगलुरु की आईटीआई बैंकिंग कंपनियों को 225 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। आउटर रिंग रोड कंपनी एसोसिएशन ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है। संगठन ने पत्र में कहा है कि सिर्फ आउटर रिंग रोड कॉरिडोर में आईटी और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों में 50,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। यह कंपनियां सालाना 22 मिलियन डॉलर रेवेन्यू जेनरेट करती है। साथ ही उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि इस कॉरिडोर में खस्ताहाल इंफ्रा के चलते कंपनियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ की हालत उत्पन्न होने से कर्मचारियों को 5 घंटे से ज्यादा सड़क पर खड़ा रहना पड़ा। जिससे कम्पनी को ₹225 करोड़ का नुकसान हुआ।

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