लोकसभा चुनाव से पहले क्या मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण की रडार पर बिल्डर्स

रजिस्ट्री की लाइन में लगे नोएडा वाले : लोकसभा चुनाव से पहले क्या मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण की रडार पर बिल्डर्स

लोकसभा चुनाव से पहले क्या मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण की रडार पर बिल्डर्स

Tricity Today | Symbolic Image

Noida News : नोएडा में रहकर मालिकाना हक के लिए परेशान लोग अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के तमाम प्रयासों के बावजूद शहर की 57 परियोजनाओं में से केवल 14 के डेवलपर्स ने पिछले तीन महीनों में यूपी सरकार के पुनर्वास पैकेज (Rehabilitation Package) के लिए साइन किया हैं। यह अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाले पैनल की सिफारिशों के आधार पर बीते साल दिसंबर महीने में घोषित किया गया था। 

प्राधिकरण 112 करोड़ बढ़ा राजस्व 
आपको बता दें कि प्राधिकरण ने 57 परियोजनाओं की पहचान की थी जो बकाया पैसा न मिलने के कारण अटकी हुई थीं। इन परियोजनाओं में कुल 32,453 फ्लैट थे, जिनमें से ज्यादतर खरीदारों को सौंप दिए गए थे, लेकिन पंजीकृत नहीं थे। इन 57 में से 13,639 फ्लैट वाले 35 प्रोजेक्ट के बिल्डरों ने सरकार के सौदे के लिए हां कह दी थी। लेकिन अब तक, केवल 14 परियोजनाओं के डेवलपर्स ने अपने बकाए का 25 फीसदी प्राधिकरण के पास जमा किया है। इसके बाद अब करीब 4,000 फ्लैटों का पंजीकरण किया जा सकता है, लेकिन प्राधिकरण अब तक सिर्फ 500 का ही पंजीकरण कर सका है। इससे प्राधिकरण को अपना राजस्व 112 करोड़ रुपये बढ़ाने में मदद मिली है।

अप्रैल में रेजिस्ट्री की उम्मीद 
प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम का कहना है कि अभी बची हुई 22 परियोजनाओं के बिल्डर जिन्होंने पुनर्वास पैकेज पर अपनी सहमति दी है, वे नए वित्तीय वर्ष में 25 फीसदी अग्रिम पैसे जमा करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां होने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि “हम इन बिल्डरों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम उन्हें जल्द से जल्द संशोधित बकाया का 25 फीसदी जमा करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।” स्टांप विभाग रजिस्ट्री की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विभिन्न हाउसिंग सोसायटियों में शिविर लगा रहा है। 1 मार्च को सेक्टर 77 स्थित एक्सप्रेस जेनिथ सोसायटी में कैंप लगाया गया था। उस दिन कुल 55 रजिस्ट्री सील की गईं। इसी तरह के शिविर सेक्टर 6 में इंदिरा गांधी कला केंद्र में आयोजित किए गए थे। अब तक कई शिविरों में कुल 500 फ्लैट पंजीकृत किए गए हैं।

कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में आने वाले दर्जनों बिल्डर्स के तमाम प्रोजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं। किसी के पास फंड की कमी है तो किसी का प्राधिकरण पर बकाया है। इसके अलावा कई बिल्डर आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं। कुछ प्रोजेक्ट कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसे हैं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.