Lucknow News : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भगदड़ ने यूपी की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। बड़ी संख्या में नेताओं के इधर से उधर जाने पर सभी दलों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है। पिछड़े दलों की राजनीति ने बाकी सभी मुद्दों को पिछाड़ कर रख दिया है। शनिवार को चंद्रशेखर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हम सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं।
अचानक पड़ गयी दरार
कल तक जिस गठबंधन पर मोहर लगने की बात हो रही थी उस गठबंधन में अचानक से दरार पड़ गयी। माना जा रहा है बीजेपी नेताओं के सपा में जाने की वजह से अखिलेश खुद को मजबूत मान रहे हैं। सपा में सीट बंटवारे को लेकर भी घमासान देखने को मिलेगी। बीजेपी विधयकों को जॉइन करा लेने के बाद असली समस्या टिकट बंटवारे को लेकर होने वाली है। चंद्रशेखर को भाजपा और बीएसपी की बी टीम का मेंबर माना जाता रहा है उसकी इसकी छवि ने अखिलेश को उनसे दूर कर दिया है। बड़ी संख्या में बीजेपी विधयकों की सपा में एंट्री लेने के बाद अखिलेश को इस बात का अंदाजा हो गया है कि अब छोटे गठबंधन उनको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
6 महीनों में कई बार हुई मुलाकात
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में कई बार मुलाकातें हुईं हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से तमाम मुलाकातों के बाद इन मुद्दों पर चर्चा हुई। वही अन्य सहयोगी दलों के साथ 17 जनवरी तक विचार-विमर्श करने का समय दिया है।
अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं
शनिवार को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस वार्ता करते हुए समाजवादी पार्टी और आजाद समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर चल रही खींचतान पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को दलितों की कोई जरूरत नहीं है। उनके साथ मुद्दों पर सहमति नहीं बनी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बहुजन समाज का अपमान किया वो अपने साथ दलितों को नहीं चाहते हैं। वो अपने गठबंधन में दलितों को नहीं शामिल करना चाहते हैं
अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे चंद्रशेखर
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मैंने कल अखिलेश जी से कहा कि आप बड़े भाई हैं, आप तय कर लें कि आप हमको गठबंधन में रखना चाहते हैं या नहीं। लेकिन उन्होने हमको नहीं बुलाया। इसका मतलब अखिलेश जी हम को गठबंधन में नहीं रखना चाहते। उन्होंने कहा कि हम सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे है। भाजपा को सत्ता से रोकने के लिए गठबंधन चाहता था इसीलिए दो दिन से लखनऊ में था। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वह अब अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।
भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव से मिले थे। भीम आर्मी और समाजवादी पार्टी में गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही है। चंद्रशेखर गुरुवार को भी सपा दफ्तर पहुंचे थे।बताया जा रहा है कि गठबंधन का फॉर्मूला फाइनल हो गया है।