Uttar Pradesh : हाल में ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात में गठबंधन की सहमति ना बन पाने के कारण अब भीम आर्मी (Bhim Army) अकेले मैदान में उतरेगी। बता दें यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) में भीम आर्मी चुनाव लड़ेगी। चंद्रशेखर आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 33 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। इस ऐलान से समाजवादी पार्टी और बसपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
चंद्रशेखर का प्रभाव
राजनीतिक रणनीतिकारों का मानना है कि बीजेपी को हराने के लिए किसी हद तक संघर्ष की बात करने वाले भीम आर्मी के चीफ के इस फैसले से बीजेपी को अधिक फायदा हो सकता है। भीम आर्मी जहां प्रत्याशी उतारने जा रही है, वहां सपा और बसपा का अच्छा वोट बैंक है। चंद्रशेखर का मैदान में उतरने के बाद मतदाताओं में भी बिखराव देखने को मिल सकता है।
फिलहाल चंद्रशेखर जिन 33 सीटों पर प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं। वहां पर मुस्लिम और दलित वोट की संख्या अधिक संख्या में है। सहारनपुर के सटे जिलों में भीम आर्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव है। आकलन के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर सभी दलों के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है। भीम आर्मी वोटों पर कितना प्रभाव डालती है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा।
स्वाभिमान से समझौता नहीं : भीम आर्मी
चंद्रशेखर ने कहा कि भीम आर्मी हर मुद्दे पर सड़क पर लडाई लड़ी है और मैंने कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया है, अब यूपी में चुनाव लड़ेंगे, सपा का गठबंधन दलित के बिना खोखला है। उन्होंने कहा पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य और ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी साथ ही उन्होंने छोटे दलों के लिए पार्टी में आने का विकल्प खुला रखा है।