दादरी ने दिए कई दिग्गज नेता, महेंद्र सिंह भाटी की हत्या का बेटे को मिला फायदा, तेजपाल नागर ने बनाया रिकॉर्ड, पढ़िए खास खबर

दादरी विधानसभा का इतिहास : दादरी ने दिए कई दिग्गज नेता, महेंद्र सिंह भाटी की हत्या का बेटे को मिला फायदा, तेजपाल नागर ने बनाया रिकॉर्ड, पढ़िए खास खबर

दादरी ने दिए कई दिग्गज नेता, महेंद्र सिंह भाटी की हत्या का बेटे को मिला फायदा, तेजपाल नागर ने बनाया रिकॉर्ड, पढ़िए खास खबर

Tricity Today | दादरी विधानसभा

Dadri Assembly Election 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। गौतमबुद्ध नगर की तीनों विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को चुनाव होगा। दादरी विधानसभा में मौजूदा भारतीय जनता पार्टी के तेजपाल नागर विधायक हैं। दादरी विधानसभा उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट में से एक है। दादरी में अभी तक 11 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। अबकी बार विधानसभा चुनाव में 5,86,889 मतदाता अपना नया विधायक चुनेंगे। आइए जानते हैं दादरी विधानसभा का इतिहास।

1977 में हुआ पहला चुनाव
दादरी विधानसभा में सबसे पहला चुनाव 1977 में हुआ था। वर्ष 1977 में तेज सिंह पहली बार दादरी के विधायक चुने गए। तेज सिंह ने राजेंद्र को करीब 22,000 वोट से हराया था। राजेंद्र कांग्रेस के प्रत्याशी थे। दूसरा विधानसभा चुनाव 1980 में हुआ। वर्ष 1980 में विजयपाल दादरी के विधायक चुने गए। उन्होंने तेज सिंह को मात दी थी। 

महेंद्र सिंह भाटी 1985 में दादरी के विधायक बने
वर्ष 1985 में दादरी के विधायक महेंद्र सिंह भाटी बने। 1985 विधानसभा चुनाव में महेंद्र सिंह भाटी कुल 1,500 वोटों से जीते थे। महेंद्र सिंह भाटी ने 1985 में विजय पाल सिंह को मात दी थी। विजय पाल सिंह कांग्रेस के प्रत्याशी थे। उसके बाद लगातार 1989 और 1991 में महेंद्र भाटी दादरी के विधायक बने। महेंद्र सिंह भाटी दादरी के 7 साल तक लगातार विधायक रहे, लेकिन 13 सितम्बर 1992 में महेंद्र सिंह भाटी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। यह दादरी विधानसभा में सबसे बड़ी घटना थी। 

महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के बाद बेटा बना विधायक 
वर्ष 1992 में महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के बाद 1993 में दादरी विधानसभा में एक बार चुनाव हुआ और इस बार महेंद्र सिंह भाटी के बेटा समीर भाटी 3,216 वोटों से जीते। पिता की हत्या के बाद बेटे को राजनीतिक फायदा मिला था। 1993 दादरी विधानसभा चुनाव में समीर भाटी ने कांग्रेस के वेदराम भाटी को हराया था। वर्ष 1996 विधानसभा चुनाव में नवाब सिंह नागर मैदान में खड़े हुए। नवाब सिंह नागर ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्होंने 21 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस के लाखी राम को मात दी। 1996 के बाद 2002 में फिर एक बार नवाब सिंह नागर विधायक चुने गए। 2002 विधानसभा चुनाव में नवाब सिंह नागर ने कांग्रेस के रघुराज को 11,310 वोटों से हराया था। 

सतवीर सिंह गुर्जर 2 बार बने विधायक
2002 के बाद साल 2007 में दादरी विधानसभा चुनाव में नवाब सिंह नागर को हार का सामना करना पड़ा। 2007 में बहुजन समाज पार्टी के सतवीर सिंह गुर्जर ने चुनाव लड़ा। इस विधानसभा चुनाव में 24,423 वोटों से नवाब सिंह नागर को हार का सामना करना पड़ा। 2007 के बाद 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सतवीर सिंह गुर्जर ने दुबारा नवाब सिंह नागर को 37,297 वोटों से हराया।

तेजपाल नागर सबसे ज्यादा वोटों से जीते
वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में दादरी सीट से पहली बार तेजपाल सिंह नागर ने चुनाव लड़ा। अभी तक सबसे ज्यादा वोटों से तेजपाल नागर ने जीत हासिल की है। तेजपाल नागर ने दिग्गज विधायक कहे जाने वाले सत्यवीर सिंह गुर्जर को 80,177 वोटों से हराया। दादरी विधानसभा चुनाव 2017 में तेजपाल नागर को 1,41,266 वोट मिली और सतवीर सिंह गुर्जर 61,049 वोट पर ही सिमट गए।

वर्ष      -  विधायक
1977  -  तेज सिंह
1980  -  विजय पाल
1985  -  महेंद्र सिंह भाटी
1989 -   महेंद्र सिंह भाटी
1991 -   महेंद्र सिंह भाटी
1993 -   समीर भाटी
1996 -   नवाब सिंह नागर
2002 -   नवाब सिंह नागर
2007 -   सतवीर सिंह गुर्जर
2012 -   सतवीर सिंह गुर्जर
2017 -   तेजपाल सिंह नागर

कौन से विधायक का कितना कार्यकाल
  1. तेज सिंह ( 3 साल)
  2. विजय पाल (5 साल)
  3. महेंद्र सिंह भाटी (7 साल)
  4. समीर भाटी (3 साल)
  5. नवाब सिंह नागर (11 साल)
  6. सतवीर सिंह गुर्जर (10 साल)
  7. तेजपाल सिंह नागर (2017 से अब तक)

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