मोदी की सुनामी में भी नगीना सीट हारी थी भाजपा, अब क्या जीतेगी, जानिए बड़ी वजह, VIDEO

कौन जीतेगा यूपी : मोदी की सुनामी में भी नगीना सीट हारी थी भाजपा, अब क्या जीतेगी, जानिए बड़ी वजह, VIDEO

मोदी की सुनामी में भी नगीना सीट हारी थी भाजपा, अब क्या जीतेगी, जानिए बड़ी वजह, VIDEO

Tricity Today | नगीना सीट पर ग्राउंड रिपोर्टिंग

कौन जीतेगा यूपी ! बिजनौर जिले की नगीना विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री मनोज कुमार पारस विधायक हैं। फिलहाल नगीना सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है। आने वाले विधानसभा चुनाव में मनोज पारस हैट्रिक पर होंगे। अगर वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो मनोज पारस ने भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार ओमवती देवी को पराजित किया था। उस चुनाव में मनोज पारस को 77,145 वोट मिले थे। जबकि भाजपा की उम्मीदवार को 69,178 वोट मिले थे। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र पाल 49,693 वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे थे। पिछले चुनाव में इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 3,28,589 थी। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भाजपा विरोधी मतों में अच्छा-खासा विभाजन होने के बावजूद समाजवादी पार्टी ने यहां बाजी जीत ली थी।



नगीना विधानसभा सीट पर अल्पसंख्याक, दलित, जाट, सैनी और ठाकुर मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। अल्पसंख्यक मतदाता करीब 50 फ़ीसदी हैं। लिहाजा, इनका रुख हार-जीत तय करने के लिए पर्याप्त है। दूसरी ओर दलित मतदाता भी चुनाव का गुणा-गणित बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

अगर आने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो विश्लेषक इस सीट को समाजवादी पार्टी के लिए सुरक्षित करार देते हैं। दरअसल, मनोज कुमार पारस ना केवल समाजवादी पार्टी बल्कि उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति का बड़ा चेहरा बन चुके हैं। अगर मौजूदा हालात की बात करें तो उनके सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं है। इस बार अल्पसंख्यक मतदाता पूरी तरह समाजवादी पार्टी के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। लिहाजा, यह बात भी मनोज पारस के पक्ष में जाती है और भारतीय जनता पार्टी की चुनौती को कमजोर बनाती है। इस बार बहुजन समाज पार्टी भी यहां पस्त नजर आ रही है।

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