कौन जीतेगा यूपी! असमोली विधानसभा सीट अल्पसंख्यक और यादव बहुलता वाला क्षेत्र है। वर्ष 2008 में लागू हुए नए परिसीमन आयोग ने इस निर्वाचन क्षेत्र का गठन किया था। दो चुनाव अब तक करवाए गए हैं, दोनों बार समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पिंकी यादव ने कामयाबी हासिल की है। दिल्ली में जन्मी, बरेली और मुरादाबाद में पढ़ी-लिखी, खेतीबाड़ी, टीचर, वकील और पॉलिटिशियन पिंकी यादव अपने निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय और लोकप्रिय हैं। पिंकी यादव इस बार हैट्रिक पर हैं।
अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर वोटरों की संख्या 3,48,577 थी। इनमें से समाजवादी पार्टी की पिंकी यादव को 97,610 वोट मिली थीं। दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी के नागेंद्र सिंह रहे थे। नागेंद्र को 67,484 वोट मिले थे। इस तरह पिंकी यादव लगातार दूसरी बार 21,126 वोटों से चुनाव जीत गई थीं। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अकीलउर रहमान खान को 67,457 वोट मिले थे। इस तरह आप सहज रूप से अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के विरोधी मतों में अच्छा खासा विभाजन होने के बावजूद पिंकी यादव ने यह जीत हासिल की थी।
अब अगर आने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट का समीकरण बिल्कुल साफ है। यहां अल्पसंख्यक, दलित और यादव वोटरों का दबदबा है। इनमें से किन्हीं दो वर्गों का गठजोड़ उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त है। यादव और मुसलमान पूरी तरह समाजवादी पार्टी के साथ खड़े हुए हैं। इन दोनों वर्गों के वोटर मिलकर लगभग 70 फ़ीसदी हो जाते हैं। इनमें किसी भी तरह का बिखराव नजर नहीं आ रहा है। इलाके की राजनीति पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि पिछली बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मुसलमान थे। लिहाजा, उन्होंने बड़ी संख्या में सपा समर्थक वोटरों को अपनी ओर खींच लिया था। इस बार ऐसी संभावना नजर नहीं आती है। कई लोगों का तो यहां तक कहना है कि पिंकी यादव इस बार रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने वाली हैं।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की सम्भावनाएं कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा पर टिकी हैं। मसलन, अगर बसपा और कांग्रेस यहां से किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाती हैं तो भारतीय जनता पार्टी फाइट में आ सकती है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी की जीत का अंतर बढ़ता जाएगा।