Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले की तीनों सीट नोएडा, दादरी और जेवर हमेशा ही चर्चा में रही है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में इन तीनों सीटों पर सबकी नजर बनी हुई है। जिले की इन तीनों सीटों से हर बार कई निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरते हैं, लेकिन कभी किसी निर्दलीय प्रत्याशी के सर पर जिले की जनता ने ताज नहीं सजाया है। हर बार जनता ने बड़े पार्टी के उम्मीदवारों को ही चुनाव में जीत दिलाकर उन पर भरोसा किया है।
बड़े दलों के वोट बैंक पर डालते हैं अच्छा-खासा असर
जिले की तीनों सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया 21 जनवरी को समाप्त होगी। इस बार भी बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों के साथ-साथ कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन अभी तक कोई भी निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीत नहीं पाया है। निर्दलीय प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने से बड़े दलों के वोट बैंक पर अच्छा-खासा प्रभाव पढ़ता हैं। जिससे उनकी रणनीति प्रभावित होती है।
निर्दलीय प्रत्याशियों के मामले में नोएडा सबसे आगे
जिले के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों के मामले में नोएडा सीट सबसे आगे रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में नोएडा विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक 29 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे। वहीं, वर्ष 1996 में दादरी विधानसभा सीट से 22 और 1993 में जेवर विधानसभा क्षेत्र से 22 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी। सबसे कम उम्मीदवारों के मामले में जेवर आगे हैं। जेवर विधानसभा सीट से वर्ष 1996 में सिर्फ 6 प्रत्याशी मैदान में थे और वही वर्ष 2017 में जेवर विधानसभा क्षेत्र से 8 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।