Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी विधानसभा से एक बार फिर तेजपाल नागर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास जताया है। तेजपाल नगर को दोबारा से भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। जहां एक तरफ तेजपाल नागर का टिकट होने से लोग खुश हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों ने करोडों रुपए खर्च करके अपने आपको बड़े नेताओं के सामने पोस्टर पर लटकाया था, वो पोस्टर पर लटके ही रह गए।
सतेंद्र अवाना थे सबसे आगे
दादरी विधानसभा उम्मीदवार बनने के लिए काफी नेता दौड़ में शामिल थे। सबसे आगे नाम सतेंद्र अवाना का चल रहा था। सतेंद्र अवाना ने दादरी विधानसभा से टिकट पाने के लिए बड़े नेताओं के यहां खूब हाजिरी लगाई। जब ग्रेटर नोएडा में जन विश्वास यात्रा निकली तो सबसे ज्यादा होल्डिंग खंबे और रेलिंग पर सतेंद्र अवाना के ही लटके मिले। सतेंद्र अवाना को लगता था कि इस बार दादरी विधानसभा से उनका टिकट पक्का है। दादरी में हुए मिहिर भोज मामले में विवादों के दौरान सबसे आगे नाम सतेंद्र अवाना का ही था। जन विश्वास यात्रा के दौरान सतेंद्र अवाना ने करोड़ों रुपए खर्च करके अपने आपको बड़े नेताओं के सामने बड़ा बनने का प्रयास किया, लेकिन इससे कोई फायदा ना हो सका। आखिरकार सतेंद्र अवाना होर्डिंग और बैनर पर ही लटके रह गए।
हिस्ट्रीशीटर भी पीछे नहीं
दादरी में टिकट पाने की दौड़ में हिस्ट्रीशीटर पवन त्यागी का भी नाम शामिल था। पवन त्यागी भी सतेंद्र अवाना की तरह कुछ महीने पहले मैदान में खड़े हुए थे, उन्होंने भी जन विश्वास यात्रा के दौरान दादरी विधानसभा-62 से टिकट पाने के लिए बेहद जोर लगाए, लेकिन बड़े हार्डिंग लगाने से हाईकमान पर कोई असर नहीं पड़ा।
बेवन नागर ने भी देखे सपने
दादरी विधानसभा की दावेदारी में कुछ दिनों पहले आई बेवन नागर का भी नाम शामिल था। बेवन नागर को जन विश्वास यात्रा से 2 दिनों पहले ही भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता मिली। भारतीय जनता पार्टी में एंट्री करते ही बेवन नागर ने अपने आपको दादरी विधानसभा प्रत्याशी बनने के सपने देखने लगी थी, लेकिन सपने तो सपने ही होते हैं। वह गौतमबुद्ध नगर की तीनों विधानसभा सीटों में से दादरी पर एकलौती महिला थी, जो दावेदारी कर रही थी।
ब्लॉक प्रमुख भी होर्डिंग पर लटके
दादरी से टिकट मांगने की दौड़ में ब्लॉक प्रमुख भी पीछे नहीं थे। दादरी के ब्लॉक प्रमुख बिजेंद्र भाटी और बिसरख के ब्लॉक प्रमुख ओमपाल नागर भी दादरी के भाजपा के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ने के लिए काफी बेकरार थे, लेकिन वो भी पोस्टर नेता बनकर रह गए। वो बात अलग है कि इन पांचों नेताओं ने अपने-अपने आकाओं को चुन लिया था, लेकिन आकाओं ने शायद कोई सिफारिश नहीं की और अगर की भी होगी तो नहीं चली।