कौन है पंखुड़ी पाठक, कोरोना काल से ऐसे बनी पहली पसंद, शहर के इन वोटरों पर खास नजर

नोएडा विधानसभा चुनाव 2022 : कौन है पंखुड़ी पाठक, कोरोना काल से ऐसे बनी पहली पसंद, शहर के इन वोटरों पर खास नजर

कौन है पंखुड़ी पाठक, कोरोना काल से ऐसे बनी पहली पसंद, शहर के इन वोटरों पर खास नजर

Google Image | पंखुड़ी पाठक

Noida News : कांग्रेस नेत्री पंखुड़ी पाठक (Pankhuri Pathak) का नोएडा विधानसभा (Noida Assembly Constituency) सीट से चुनाव लड़ना फाइनल हो गया है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने गुरुवार को इसकी घोषणा कर दी है। नोएडा सीट से पंखुड़ी पाठक अकेली महिला हैं, जिन्होंने टिकट की दावेदारी की थी। अब उनका नोएडा विधानसभा से चुनाव लड़ना फाइनल हो गया है।

कोरोना साल में पहुंचाई मदद
पंखुड़ी पाठक ने कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान शहर के लोगों की मदद करने के लिए कई बड़े अभियान चलाए थे। इनमें निराश्रित और जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने के अभियान को खासी लोकप्रियता मिली थी। इसके अलावा बीमार लोगों को पंखुड़ी और उनके सहयोगियों ने अस्पतालों तक पहुंचाया था। कोरोना वायरस पर ग्रामीण इलाकों में रोकथाम करने के लिए करीब एक महीने तक व्यापक सैनिटाइजेशन अभियान पंखुड़ी पाठक ने चलाया था। इस अभियान के तहत नोएडा शहर के तमाम गांव में सैनिटाइजेशन करवाया गया था। अब गुरुवार को पंखुड़ी पाठक का टिकट फाइनल हो गया है।

शहर-गांव को साधने की रणनीति
पंखुड़ी पाठक ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखती हैं। दूसरी ओर उनके पति अनिल यादव अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। अनिल यादव नोएडा शहर में नवादा गांव के रहने वाले हैं। लिहाजा, दंपति का चुनावी गणित पूरी तरह गांव और शहर के वोटरों को साधने वाला है। जहां पंखुड़ी पाठक अपने पढ़े-लिखे और तेजतर्रार चेहरे के दम पर सेक्टर और सोसायटी में मतदाताओं को लुभा रही हैं। लिहाजा पंखुड़ी पाठक को सेक्टर और सोसायटी से बड़ा वोट बैंक मिल सकता हैं। 

सवर्ण, अल्पसंख्यक और ओबीसी वोटों पर नजर
दूसरी ओर अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि का फायदा उठाकर अनिल यादव अन्य पिछड़ा वर्ग और ग्रामीण मतदाताओं को जोड़ने में लगे हुए हैं। खास तौर से ब्राह्मण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और शहरी वोटरों पर पंखुड़ी पाठक की नजर है। यही वजह है कि पंखुड़ी पाठक एक और शहरी मतदाताओं के बीच काफी सक्रिय हैं।

छात्र संघ का चुनाव जीती
मूल रूप से उत्तराखंडी और दिल्ली में पली बढ़ी है, पंखुड़ी पाठक मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ है। द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीए ऑनर्स किया है। पंखुड़ी पाठक ने वर्ष 2010 में निर्दलीय छात्र संघ का चुनाव लड़कर कॉलेज में सचिव पद पर जीत हासिल की थी। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया है। मूलरूप से उत्तराखंड के अलमोड़ा शहर की रहने वाली हैं। माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। दिल्ली में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। पंखुड़ी पाठक का एक छोटा भाई है। जिसने जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन किया है। मैं अभी म्यूज़िक इंडस्ट्री में काम कर रहा है। 

जमींदार परिवार की बहू
दूसरी ओर पंखुड़ी पाठक के पति अनिल यादव नोएडा में नवादा गांव के मूल निवासी हैं। वह एक जमींदार परिवार से आते हैं और पारिवारिक बिज़नेस है। अनिल यादव समाजवादी पार्टी के नोएडा महानगर अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं। इसी साल जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और कुछ पदाधिकारियों ने पंखुड़ी पाठक पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं तो अपनी पत्नी के पक्ष में खड़े होते हुए अनिल यादव ने समाजवादी पार्टी को अलविदा कह दिया था। इसके बाद अनिल यादव ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कुल मिलाकर फिलहाल दोनों पति-पत्नी कांग्रेस में हैं।

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