Delhi-NCR : यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी ने आज दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट (Delhi–Meerut Regional Rapid Transit System) के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान कमेटी ने इस महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में आने वाली बाधाओं के बारे में जाना और उससे पार पाने के उपायों पर मंथन हुई। मुख्य सचिव ने आरआरटीएस के निर्माण कार्य को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाने के लिए मण्डलायुक्त मेरठ, जिलाधिकारी मेरठ व गाजियाबाद तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को अहम आदेश दिए।
उन्होंने निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करने तथा जमीन सम्बन्धी मुद्दों को अक्टूबर तक निस्तारित कराने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने सरकारी जमीन के दर निर्धारण के लिए सक्षम स्तर से नीतिगत निर्णय के लिए प्रक्रिया में भी तेजी लाये जाने के आदेश दिये। मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में कहा, कोविड-19 की अप्रत्याशित चुनौतियों के बावजूद पूरे आरआरटीएस कॉरीडोर में एनसीआरटीसी की अगुवाई में निर्माण कार्य तेजी से चला।
पहला खंड मार्च तक शुरू होगा
उन्होंने प्रोजेक्ट के लम्बे समय तक वित्तीय मदद के लिए एनसीआरटीसी के सुझावों को लेकर भी आदेश दिए। मुख्य सचिव ने आरआरटीएस कॉरीडोर के आस-पास प्रोजेक्ट लिंक्ड व नॉन प्रोजेक्ट लिंक्ड भूमि के विकास से आय के नियमित स्रोत बनाने के लिए वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग से जुड़े सभी शासकीय निर्देशों को बिना किसी विलम्ब के 15 दिसम्बर तक जारी करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान मुख्य सचिव को बताया गया कि प्राथमिकता खण्ड साहिबाबाद से दुहाई है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 17 किलोमीटर है। इसे मार्च 2023 में चालू कर दिया जायेगा। पूरी परियोजना वर्ष 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा।
सभी आदेशों का पालन हो चुका है
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि माह अगस्त, 2020 में हुई कमेटी की पिछली मीटिंग के सभी निर्देशों को (कुछ जमीन सम्बन्धी मुद्दों को छोड़कर) अमल में लाया जा चुका है। कोरोना की दूसरी लहर के गंभीर प्रकोप के बाद भी एनसीआरटीसी ने कोविड नियमों का पालन करते हुए आरआरटीएस प्रोजेक्ट को रूकने नहीं दिया। उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रबन्धन के जरिये निर्माण और उससे जुड़े अन्य कार्य जारी रखा। परिस्थितियां सामान्य होने के साथ सभी प्रकार के संसाधनों को साइट पर पहुंचाया गया।
1100 इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूर काम पर लगे
इससे निर्माण की गति बढ़ाई जा सकेगी और पिछड़े हुए कार्यों की भरपाई हो सकेगी। इसी कारण आज इतने बड़े प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करना संभव हो सका है। वर्तमान में 1100 इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूरों के साथ 16 लॉन्चिंग गैन्ट्री (तारिणी) तय समय सीमा के अन्दर प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह एवं प्रबन्ध निदेशक एनसीआरटीसी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।