रेप पीड़िता के गवाह को दुष्कर्म में फंसाने वाले 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लिया बड़ा एक्शन

प्रयागराज : रेप पीड़िता के गवाह को दुष्कर्म में फंसाने वाले 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लिया बड़ा एक्शन

रेप पीड़िता के गवाह को दुष्कर्म में फंसाने वाले 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लिया बड़ा एक्शन

Google Image | 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने लिया बड़ा एक्शन

प्रयागराज : रेप पीड़िता के गवाह को फर्जी तरीके से जेल भेजने के मामले में पांच पुलिसकर्मी नप गए। जांच के दौरान फर्जीवाड़े में संलिप्तिता की बात सामने आने पर सर्विलांस प्रभारी संजय सिंह यादव, इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश सिंह और हेड कांस्टेबल मुन्ना लाल यादव, कृष्ण कुमार यादव और अजय कुमार यादव को रविवार को एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने सस्पेंड कर दिया। इन पर असिस्टेंट प्रोफेसर से मिलीभगत का आरोप है। इसके साथ ही इन सभी के ऊपर दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने और परेशान करने का भी गंभीर आरोप लगा है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठाई गई है।

पांच पुलिसकर्मी निलंबित
इस मामले की जांच एसपी गंगापार को सौंपी गई थी, उन्होंने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों इंस्पेक्टरों ने कर्नलगंज में दर्ज रेप केस के गवाह ज्ञानचंद मौर्य को जेल भेज दिया। इससे पहले खेल करके हंडिया थाने में दर्ज रेप के केस में उसका नाम खोला गया और फिर इसी आधार पर उसे जेल भेजने की कार्रवाई की गई। जांच के दौरान आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कई ऐसे सबूत सामने आये, जिससे फर्जीवाड़े में उनकी संलिप्तिता की बात सामने आई। सर्विलांस प्रभारी संजय सिंह यादव की दुष्कर्म के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव से लगातार बात होती थी और इसका खुलासा उसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट से हुआ।

जांच में हुआ खुलासा
सस्पेंड किये गये 2  हेड कांस्टेबल मुन्ना लाल यादव, अजय यादव और कांस्टेबल कृष्ण कुमार यादव भी इसमें शामिल रहे। इंस्पेक्टरों के कहने पर ये लोग गवाह को प्रयागराज शहर से पकड़कर हंडिया ले गये। साथ ही उसके पास से बरामद स्कूटी का नंबर बदलकर कूटरचना के मुकदमे में भी फंसाने की कोशिश हुई। जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई। जिसके बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई हुई। इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच बिठाई गई है कार्रवाई के रडार पर कई और पुलिसकर्मी है। फर्जी तरीके से जेल भेजा जाने वाला ज्ञानचंद जिस रेप के केस में गवाह था, उसका आरोपी सीएमपी डिग्री कॉलेज का असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव ही था।

क्या है पूरा मामला
गाजीपुर जनपद की रहने वाली प्रतियोगी छात्रा ने दो साल पहले कर्नलगंज थाने में असिस्टेंट प्रोफेसर के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक साल बाद वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया। आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर ने सर्विलांस प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर छात्रा के सीनियर छात्र जो इस केस का गवाह था, उसके विरुद्ध पहले फूलपुर में दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद हंडिया थाने में दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे में उसी गवाह को फर्जी ढंग से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हालांकि पीड़िता की शिकायत पर जांच हुई तो पुलिसकर्मियों की कारस्तानी का भंडाफोड़ हुआ।

डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का बयान
डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने के मामले में 2 इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर पांचों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।

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