Uttar Pradesh : गौतमबुद्ध नगर समेत उत्तर प्रदेश के हर एक संसदीय क्षेत्र में 75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इसको लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को आदेश जारी किए हैं। अभी तक पूरे उत्तर प्रदेश में 11,097 अमृत सरोवर का कार्य पूरा किया जा चुका है और बाकी की तैयारियों को लेकर डिप्टी सीएम ने आदेश दिए हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 6 हजार अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।
हर संसदीय क्षेत्र में बनेंगे 75 अमृत सरोवर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं के साथ-साथ अमृत सरोवर जैसी महत्वाकांक्षी, बहुआयामी और ग्रामीणोन्मुखी योजना पर काय तेजी से किया जाए। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 75 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं। इस प्रकार सभी 80 संसदीय क्षेत्रो में कुल 6000 अमृत सरोवर बनाते जाने का टारगेट निर्धारित किया गया है। शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अमृत सरोवर बनाने का टारगेट है।
इन जनपदों में किया अमृत सरोवरों का चिन्हांकन
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि जिलों में अमृत सरोवरों के चिन्हांकन की प्रक्रिया जारी है। सबसे अधिक 540 अमृत सरोवरों का चिन्हांकन जौनपुर में किया गया है। अंबेडकरनगर में 260, आजमगढ़ में 337, बलरामपुर में 289, बाराबंकी में 343 ,बस्ती में 363, गोंडा में 395, महाराजगंज में 271, पीलीभीत में 293, प्रतापगढ़ में 393, सिद्धार्थनगर में 247 और सीतापुर में 278 और इसी तरह अन्य जनपदों में भी अमृत सरोवरों का चिन्हांकन किया गया है।
वाटर रिचार्जिंग के लिए वरदान साबित होंगे सरोवर
केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को आदेश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए और वृक्षारोपण भी किया जाएगा। अमृत सरोवरों के निर्माण से जहां पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन होगा। वहीं, वाटर रिचार्जिंग के क्षेत्र में यह अमृत सरोवर वरदान साबित होंगे। सरकार की मंशा है कि अमृत सरोवर ग्रामीणों पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो और वहां पर अधिक से अधिक अवस्थापना सुविधाएं विकसित हो।
कार्यक्रमों से बदलेगी गांव और गरीबों की तस्वीर
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम्य विकास के कार्यक्रमों से गांव और गरीबों की तस्वीर बदलेगी। ग्राम विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन कर लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी टीम भावना से आपसी तारतम्य बनाकर काम करें और ग्राम विकास की योजनाओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाए।