75 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अत्याधुनिक सुविधाएं, सीएम योगी बोले- ‘मजबूत होगी शिक्षा-व्यवस्था की नींव’

अच्छी खबर: 75 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अत्याधुनिक सुविधाएं, सीएम योगी बोले- ‘मजबूत होगी शिक्षा-व्यवस्था की नींव’

75 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिली अत्याधुनिक सुविधाएं, सीएम योगी बोले- ‘मजबूत होगी शिक्षा-व्यवस्था की नींव’

Tricity Today | वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

  • योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आंगनबाड़ी केंद्र शिक्षा व्यवस्था की नींव हैं
  • आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ बनाने के लिए एकेटीयू द्वारा किये गए प्रयास अभिनंदनीय है
  • सीएसजेएम एवं एकेटीयू से संबद्ध 40 संस्थानों ने 75 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया
  • एकेटीयू के 7 सम्बद्ध संस्थानों को कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री ने मंच से सम्मानित किया
Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने आज कानपुर में 75 आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाने की मुहिम को हरी झंडी दिखाई। लखनऊ स्थित अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) और कानपुर की छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJM University) से संबद्ध 40 संस्थानों ने इन आंगनबाड़ी केंद्रों को अत्याधुनिक बनाने का जिम्मा उठाया था। मुख्यमंत्री और राज्यपाल इसी सिलसिले में कानपुर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने दोनों यूनिवर्सिटी और संबद्ध संस्थानों का धन्यवाद दिया। सीएम ने कहा कि इससे आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-प्राइमरी के तौर पर विकसित करने की योजना को मूर्त रूप मिलेगा। एकेटीयू के मीडिया प्रभारी आशीष मिश्र ने यह जानकारी दी।

आंगनबाड़ी केंद्र व्यवस्था के आधार बनेंगे 
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आंगनबाड़ी केंद्र शिक्षा व्यवस्था की नींव हैं।  आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ बनाने के लिए एकेटीयू द्वारा किये गए प्रयास अभिनंदनीय है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तीन से पांच वर्ष के बच्चे आते हैं। इन्हें पोषण और प्रशिक्षण दोनों की आवश्यकता होती है।  आंगनबाड़ी केन्द्रों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए विवि के सम्बद्ध संस्थानों द्वारा किया गया सहयोग सराहनीय कदम है।  यह अभियान अन्त्योदय के लक्ष्य की पूर्ति में प्रेरणा का कार्य करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के तौर पर विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही थी। मगर कोविड महामारी के कारण उस समय योजना को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका। मगर संस्थानों के प्रयासों से आंगनबाड़ी केद्रों के पुर्नवास में मदद मिली है। 


40 संस्थानों ने 75 आंगनबाड़ी केन्द्रों को दी सौगात
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि सीएसजेएम एवं एकेटीयू से संबद्ध 40 संस्थानों ने 75 आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व लखनऊ की 130, वाराणसी के 16, मेरठ और प्रयागराज में एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र को सुविधा सम्पन्न बनाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में सामाजिक कार्यों में विश्वविद्यालयों ने प्रतिभाग करना प्रारंभ किया है।  शिक्षकों एवं अधिकारियों द्वारा टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया जारी है। आज सीएसजेएम कानपुर यूनिवर्सिटी भी सामाजिक कार्यों से जुड़ा है। 

एकेटीयू के 7 संस्थानों को सम्मानित किया
एकेटीयू के 7 सम्बद्ध संस्थानों को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा संपन्न बनाने में सहयोग देने के लिए मंच से सम्मानित किया। इन 7 संस्थानों में  एक्सिस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट,  पीएसआईटी, कानपुर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, महाराणा प्रताप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, नारायणा विद्यापीठ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, ऐलेन हाउस इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,  तथा कानपुर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, शामिल हैं। इन संस्थानों से प्राणवीर सिंह, आशीष मलिक, अनिल अग्रवाल, कुमार अक्षय, गौरव भदौरिया, उदित नारायण और भगवान जगवानी को प्रमाणपत्र प्रदान किये गए।

सामाजिक परिवर्तन लाने में सहभागी बनें
विवि की कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यदि सामाजिक परिवर्तन लाना है, तो सबको भागीदार बनना होगा।  उन्होंने कहा कि एकेटीयू ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने का अविस्मरणीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विवि का कार्य सिर्फ शिक्षण-प्रशिक्षण एवं शोध का नहीं है। संस्थान का एक कार्य सामाजिक उत्थान एवं पुर्नवास भी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए विवि एवं उनके सम्बद्ध संस्थानों को योजना बना कर कार्य करना होगा। इस मुहिम की सफलता बताती है कि बिना शासकीय कोष की सहायता के बिना भी विकास के कार्यों को गति प्रदान की जा सकती है। जिनके पास पर्याप्त संसाधन हैं, उन्हें सामाजिक कार्यों में सहयोग प्रदान करना चाहिए।  जो लोग सुविधा सम्पन्न जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर समय-समय पर ले जाना चाहिए। इससे उनके बच्चे भी बड़े होकर आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर सामाजिक समरसता के कार्यों में भागीदारी दे सकें। 
 
58 हजार गांव और 60 हजार से ज्यादा शिक्षण संस्थान
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 58 हजार गांव हैं। 60 हजार से अधिक उच्च शिक्षा संस्थान एवं विश्वविद्यालय हैं।  यदि हर एक विश्वविद्यालय एवं संस्थान एक-एक गांव गोद लेकर ग्रामीण अंचल के विकास के लिए पहल करे, तो प्रदेश की तस्वीर बदल सकती है। इस तरह के कदम उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदेश बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए एजुकेशनल खिलौने, एबीसीडी, नंबर, पजेल, ब्लॉक्स, टाय फल, टाय एनीमल, एजुकेशनल मैप, प्लेबुक, पिक्टोरियल स्टोरी बुक, वाइट बोर्ड, वजन मशीन, हाईट गेज, फर्स्ट एड बॉक्स, हैण्डवास, ट्राई साईकिल, झूले, किड्स टेबल-चेयर, एवं खाने के बर्तन आदि वितरित किये गये। कार्यक्रम में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट मिनिस्टर सतीश महाना, राज्यमंत्री उच्च शिक्षा नीलिमा कटियार, कानपुर के मेयर प्रमिला पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी, विवि के समस्त डीन, शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।  कार्यक्रम के अंत में सीएसजेएम विवि के कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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