आगरा के जाट लीडर लक्ष्मी नारायण चौधरी बने कैबिनेट मिनिस्टर, कभी मायावती सरकार के संकटमोचक रहे

Yogi Adityanath Ministry 2.0 : आगरा के जाट लीडर लक्ष्मी नारायण चौधरी बने कैबिनेट मिनिस्टर, कभी मायावती सरकार के संकटमोचक रहे

आगरा के जाट लीडर लक्ष्मी नारायण चौधरी बने कैबिनेट मिनिस्टर, कभी मायावती सरकार के संकटमोचक रहे

Google Image | लक्ष्मी नारायण चौधरी

Yogi Adityanath Cabinet : आगरा क्षेत्र के जाट वोटरों में गहरी पैठ रखने वाले लक्ष्मी नारायण चौधरी पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा जताया है। योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में वह योगी आदित्यनाथ के साथ डेयरी विकास, पशुपालन, मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे। चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह उत्तर प्रदेश की 9वीं, 13वीं, 15वीं और 17वीं विधानसभा के सदस्य रहे हैं। वह मथुरा जिले की छाता विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जाट आंदोलन के दौरान मायावती सरकार को उबारा था
चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह पहले बहुजन समाज पार्टी के सदस्य थे और मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। वह 2006 में चौधरी बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। बसपा सरकार में वह कृषि मंत्री थे और "जाट चेहरे" के रूप में पेश किया जाता रहा है। उन्होंने जाट बहुल इलाकों में आंदोलन को शांत करने में मुख्यमंत्री मायावती की मदद की थी। खासतौर से जब अलीगढ़ और मथुरा में भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ जाटों ने आंदोलन किया था तो चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह ने हालात संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस वक्त जाट बिरादरी के लोग मायावती सरकार को किसान विरोधी करार दे रहे थे। तब उन्होंने जाट किसानों से कहा था कि सरकार किसानों के खिलाफ नहीं है।

बसपा सरकार जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए
वर्ष 2012 तक उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और विधानसभा चुनाव के बाद मायावती वापसी करने में नाकामयाब रहीं। यूपी में समाजवादी पार्टी सरकार बनी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे। जुलाई 2015 में चौधरी आगरा के पूर्व महापौर के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जनवरी 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उन्होंने कहा था कि उनका इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मिशन को आगे ले जाने का है। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेयरी उद्योग, संस्कृति, अल्पसंख्यक कल्याण, धार्मिक गतिविधियों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

यूपी में गुजरात मॉडल पर काम किया
मंत्री बनने के बाद चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह ने कहा था कि सरकार उत्तर प्रदेश में ''डेयरी विकास का गुजरात मॉडल'' लागू करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मवेशियों के अवैध वध पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। यह भी घोषणा की गई कि राज्य के सुन्नी और शिया वक्फ बोर्डों को भंग कर दिया जाएगा। उन्होंने इस फैसले के लिए बोर्डों से जुड़े कथित घोटालों का हवाला दिया। चौधरी ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की जरूरत है। साथ ही बोर्ड से जुड़े 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले का भी आरोप लगाया। उन्हें कौशांबी जिले का पार्टी प्रभारी भी बनाया गया था।

अखिलेश यादव पर लगाते रहे मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप
चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह का मत है कि अखिलेश यादव की सरकार के उलट योगी आदित्यनाथ सरकार तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करती है। पिछले 5 वर्षों के दौरान तमाम मंचों पर लक्ष्मी नारायण समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आदित्यनाथ की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश 'राम राज्य' की ओर बढ़ रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में रामलीला और वृंदावन में रासलीला का उत्सव उनके दावे का सबूत है।

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