कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया, कहा-  हम सफल नहीं हुए

बड़ी खबर : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया, कहा- हम सफल नहीं हुए

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया, कहा-  हम सफल नहीं हुए

Google Image | Farmer Protest

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बात कही। देश में पिछले लगभग एक वर्ष से किसानों द्वारा इस बिल को वापस लेने के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार इस बात का प्रयास किया था कि इन सुधारों के बाद देश के कृषि क्षेत्र को लाभ मिले। लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी जिसके कारण कुछ किसानों ने इसका विरोध किया। हमने उनको समझाने का प्रयास किया लेकिन हम सफल नहीं हुए, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुरु पर्व पर इन कानूनों को रद्द करने का फैसला किया है, जिसका हम स्वागत करते हैं।

कृषि मंत्री ने कहा, कृषि क्षेत्र में नई योजनाएं आरंभ की गई जिनका लाभ आज किसानों को मिल रहा है। कई वर्षों से प्रतीक्षा थी कि एमएसपी को लागत पर 50 प्रतिशत बढ़ाकर घोषित किया जाए यह निर्णय किया गया। इसका लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार ने सरकारी खरीद को लगभग दोगुना किया, पहले गेहूं और धान की ही खरीद होती थी। लेकिन अब कपास दलहन तिलहन और मोटे अनाज की भी खरीद शुरू हुई है। देशभर में छोटे किसानों को आय सहायता देने के रूप में पीएम किसान सम्मान निधी योजना शुरू की गई। जिसमें 1.62 लाख करोड़ रुपए इस योजना के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाने का काम किया है।

मंत्री ने कहा कि देश इस बात का गवाह है कि जबसे पीएम मोदी ने 2014 में सरकार की बागडोर अपने हाथ में ली है। उनकी सरकार की प्रतिबद्धता किसानों और कृषि के लिए रही है। परिणामस्वरूप आपने देखा होगा कि पिछले सात वर्षों में कृषि को लाभ पहुंचाने वाली कई नई योजनाएं शुरू की गई। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड के कवरेज को भी बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। नीम कोटिंग यूरिया हो चाहे मृदा स्वास्थ कार्ड का फैसला हो इन सभी तरह के कार्यों से खेती को लाभ मिला है। 

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि सुधार की दृष्टि से तीन कृषि कानून लेकर आई। लेकिन मुझे दुःख है कि इन कृषि कानूनों के लाभ हम देश के कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो पाए। उन्होंने यह भी कहा है कि जीरो बजट खेती, एमएसपी और फसल विविधीकरण के मुद्दे पर कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें केंद्र, राज्य सरकारें, किसान, कृषि वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री उसमें रहेंगे और वह समिति अपनी रिपोर्ट देगी‌। जो आने वाले कल में कृषि के क्षेत्र में लाभदायक होगी।

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