हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, बेटे पर भी कई मुकदमे

लखीमपुर खीरी हिंसा : हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, बेटे पर भी कई मुकदमे

हिस्ट्रीशीटर रह चुके हैं गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा, बेटे पर भी कई मुकदमे

Google Image | केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा एवं अजय मिश्र टेनी

  • - हत्या, घर में घुसकर मारपीट करने और जानलेवा हमले के आरोपी रहे हैं
  • - दो मुकदमों में पिता अजय मिश्रा के साथ बेटा आशीष मिश्रा भी आरोपी है
  • - हाईकोर्ट के आदेश पर अजय मिश्रा की हिस्ट्रीशीट को खारिज किया गया था
  • - अब लखीमपुर खीरी हिंसा के लिए आशीष मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ है
Lakhimpur Kheri Case : रविवार को लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हुईं। जिनमें 4 किसान और 4 भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा को लेकर बवाल मचा हुआ है। किसानों का आरोप है कि अजय मिश्र टेनी और आशीष मिश्रा ने षड्यंत्र रचकर किसानों की हत्या करवाई हैं। इस बीच अजय मिश्रा की हिस्ट्री खंगाली जा रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा कभी लखीमपुर के तिकुनिया थाने के हिस्ट्रीशीटर थे, हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर अजय मिश्रा की हिस्ट्रीशीट को खारिज भी कर दिया गया है।

अजय मिश्र टेनी के खिलाफ गंभीर धाराओं में 4 मुकदमे
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर हत्या करने, मारपीट करने और जन से मारने की धमकी देने जैसी घटनाओं में 4 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। दो मुकदमों में अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भी नामजद रहा है। दरअसल, पिछले दिनों एक वायरल वीडियो में अजय मिश्रा ने कहा था, "विधायक और सांसद बनने से पहले मैं क्या था, इसको भी जान लें। सुधर जाओ नहीं तो सुधार देंगे।" इसी बयान के खिलाफ लखीमपुर खीरी के किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का विरोध शुरू किया था।

हत्या जैसे संगीन जुर्म में दर्ज हुए मुकदमे, हिस्ट्रीशीट खुली
अजय मिश्रा पर लखीमपुर के ही तिकुनिया थाने में हत्या, घर में घुसकर मारपीट और बलवा करने के आरोपों में चार मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। अजय मिश्रा की तिकुनिया थाने में हिस्ट्रीशीट भी खोली गई थी। हालांकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अजय मिश्रा की हिस्ट्रीशीट को खारिज कर दिया था। अपने चुनावी हलफनामे में इन चारों मुकदमों के बारे में अजय मिश्र टेनी ने भारत निर्वाचन आयोग को पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई है।

जानिए अजय मिश्रा पर कब-कब दर्ज हुआ केस
  1. -5 अगस्त 1990 को तिकुनिया थाने में अजय मिश्रा के साथ 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। उन पर हथियारों से लैस होकर मारपीट का आरोप लगाया गया था।
  2. -8 जुलाई 2000 को प्रभात गुप्ता की हत्या में अजय मिश्रा समेत चार लोग नामजद किए गए थे। अजय मिश्रा और उनके साथियों पर यह सबसे संगीन मुकदमा है।
  3. -31 अगस्त 2005 को ग्राम प्रधान ने अजय मिश्रा समेत चार लोगों पर घर में घुसकर मारपीट और दंगा फसाद का मुकदमा दर्ज करवाया था।
  4. -24 नवंबर 2007 को अजय मिश्रा समेत तीन लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने के आरोप में चौथा मुकदमा दर्ज हुआ था।

इन 2 मुकदमों में पिता के साथ आशीष मिश्रा भी नामजद हुआ
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर वर्ष 2005 और 2007 में मारपीट के मुकदमे दर्ज करवाए गए थे। इन दोनों मुकदमों में उनका बेटा आशीष मिश्रा भी नामजद आरोपी बनाया गया था। अजय मिश्रा पर दर्ज चार गंभीर मुकदमों में सबसे गंभीर मुकदमा प्रभात गुप्ता मर्डर केस का था। हत्या के इस मुकदमे में अजय मिश्रा जिला न्यायालय ने बरी कर दिए गए थे। यह इत्तेफ़ाक़ था कि 29 जून 2004 को गृह राज्यमंत्री को जिस जज ने हत्या के मुकदमे में बरी किया था, वह जज साहब 30 जून को रिटायरमेंट हो गए थे। परिवार ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील दायर की। वर्तमान में अजय मिश्रा हाई कोर्ट से जमानत पर हैं।

3 साल से हाईकोर्ट की बेंच में फैसला सुरक्षित पड़ा है
12 मार्च 2018 से हाईकोर्ट ने भी इस मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर रखा है। बीते 3 सालों से फैसला सुरक्षित रखने पर हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की गई है। जिस पर अक्टूबर महीने में सुनवाई होनी है। अब जब लखीमपुर में कोई हिंसा के लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री पर षडयंत्र रचने के आरोप लग रहे हैं तो हाईकोर्ट में विचाराधीन पड़े मामले को लेकर भी आम आदमी की ओर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लखीमपुर हिंसा के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर हत्या का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।

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