Tricity Today | सैकड़ों वर्ष पुराने इस हनुमान मंदिर में 12 वर्षों से लगातार चल रही है अखण्ड रामायण
लखनऊ अलीगंज के नया हनुमान मंदिर में 12 वर्षों से लगातार अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा है। 12 वर्षों से लगातार चल रही यह रामायण वर्ष 2008 के जनवरी महीने से शुरू हुई थी। मंदिर कमेटी से जुड़े ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है की मान्यता के अनुसार लॉकडाउन लगाए जाने के बावजूद मंदिर में रामायण के पाठ को खंडित नहीं किया गया था। मंदिर में 24 घंटे विद्वानों की ओर से अखंड रामायण का पाठ किया जाता है।
मंदिर के अलीगंज श्री महावीर ट्रस्ट के पदाधिकारी अनिल कुमार तिवारी और मंदिर के सेवक राकेश दीक्षित ने जानकारी दी कि मंदिर में अखंड रामायण की शुरुआत जनवरी महीने के वर्ष 2008 में हुई थी। उस वक्त नए साल के मौके पर मंदिर में रामायण का पाठ किया जाता था। वर्ष 2008 में एक भक्त की ओर से हुए सहयोग के आधार पर रामायण का पाठ शुरू कराया गया। इसके बाद लगातार भक्तों के सहयोग से यह पाठ चलता जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर 12 वर्ष तक मंदिर में लगातार चली रामायण की वजह क्या है। मंदिर से जुड़े सभी भक्त अब इसे वीर हनुमान की कृपा मानकर लगातार संचालित कराते आ रहे हैं। मंदिर में चल रही अखंड रामायण पूरी तरह से भक्तों की ओर से संचालित कराई जाती है।
प्रदेश का ऐसा इकलौता मंदिर
ट्रस्ट की ओर से यह भी जानकारी दी गई कि लगातार 12 वर्षों तक संचालित होने वाली रामायण कराने वाला यह प्रदेश का पहला मंदिर है। जानकारी दी गई कि उनके मंदिर के अलावा अभी तक उन लोगों ने इतने लंबे समय तक रामायण का पाठ कराए जाने की सूचना उन लोगों को अभी तक नहीं मिली है। यह भी जानकारी दी गई यदि प्रदेश से बाहर भी इस तरह का पाठ होता हुआ उन लोगों ने आज तक नहीं सुना है।
11 विद्वानों की 24 घंटे जिम्मेदारी
अखंड रामायण के लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से 11 विद्वानों को 24 घंटे जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। एक विद्वान 4 घंटे तक लगातार रामायण का पाठ करते हैं। ऐसे में विद्वानों के बीच 24 घंटे में चार-चार घंटों की शिफ्ट तैयार कर दी जाती है। अपनी अपनी बारी आने पर विद्वान मंदिर में वीर हनुमान के समक्ष अखंड रामायण का पाठ संचालित करते हैं।
सैकड़ों वर्ष पुराना है मंदिर
मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने जानकारी दी कि कि यह मंदिर 300 वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है। मंदिर को संचालित किए जाने के लिए बनाए गए ट्रस्ट की शुरुआत वर्ष 1820 में हुई थी। एक समय मंदिर में नौ कुएं हुआ करते थे। धीरे-धीरे मंदिर विकसित होने के बाद अब सिर्फ एक कुआं ही मंदिर में रह गया है।
लॉकडाउन में भी नहीं रुकी रामायण
मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान भी मंदिर में रामायण का पाठ रोका नहीं गया। लॉकडाउन के समय 6 विद्वान मंदिर में अखंड रामायण का पाठ कर रहे थे। लॉकडाउन लगने पर वह मंदिर में ही रह गए। इसके बाद यह तय किया गया कि जो लोग मंदिर में रुक गए हैं वही लॉक डाउन से खत्म होने तक अखंड रामायण पाठ को जारी रखेंगे।